इस्लामाबाद
 पाकिस्तान का सिंध प्रांत महिला और बाल हिंसा की घटनाओं से थर्राया हुआ है। सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (एसएसडीओ) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के पहले चार महीनों में सिंध पुलिस में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के 900 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।

एसएसडीओ की रिपोर्ट के अनुसार, इन चार माह में 529 महिलाओं का अपहरण किया गया। घरेलू हिंसा की 119 घटनाएं हुईं। इसके अलावा, दुष्कर्म के 56 और ऑनर किलिंग के 37 केस दर्ज किए गए। कराची सेंट्रल, हैदराबाद और केमारी जिले महिला अपराधों के केंद्र के रूप में उभरे हैं। बच्चों के खिलाफ दर्ज केस में सबसे ज्यादा यौन हिंसा की घटनाएं हैं। इसमें अब तक लगभग 67 मामले दर्ज कर लिए गए हैं।

नवाज की पाकिस्तान वापसी के लिए बनाया जा रहा रास्ता, संसद में प्रस्ताव पारित

-सांसदों को अयोग्य ठहराए जाने की अवधि सीमित की

इस्लामाबाद
पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पारित के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वापसी के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है।

संसद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने  सांसदों की अयोग्यता की अवधि को आजीवन की जगह पांच साल तक सीमित करने वाला एक विधेयक पारित किया है। इसके बाद से नवाज शरीफ की वापसी को लेकर कयासबाजी बढ़ गई है।

उम्मीद की जा रही है इस साल होने वाले आम चुनाव में नवाज शरीफ के सक्रिय राजनीति में लौटने का रास्ता साफ हो सकता है और वह लंदन से वापस स्वदेश आ सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2017 में नवाज शरीफ (73) को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया था। वर्ष 2018 में पनामा पेपर्स मामले में उच्चतम न्यायालय ने नवाज को आजीवन सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया था।

चुनाव (संशोधन) विधेयक 2023 का उद्देश्य सांसदों को अयोग्यता की अवधि को कम करने के अलावा पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को राष्ट्रपति से परामर्श किए बिना चुनाव तारीखों की घोषणा करने का अधिकार देना भी है।

इस विधेयक को उच्च सदन सीनेट ने 16 जून को पहले ही मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के लिए विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया जाना है।

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी हज करने के लिए देश से बाहर हैं, इसलिए सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला है और संभवत: वह बिना समय बर्बाद किए विधेयक का अनुमोदन करेंगे।

माना जा रहा है कि कानून बनने के बाद शरीफ की आजीवन अयोग्यता समाप्त हो जाएगी, जिससे उनके देश लौटने और अक्टूबर में संभावित आम चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में फिर से शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, सक्रिय राजनीति में आने से पहले शरीफ को अब भी भ्रष्टाचार के दो मामलों में उनके खिलाफ दिए गए फैसले पलटवाने होंगे।