इस्लामाबाद

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की पाकिस्तान में भी चर्चाएं हैं। खबर है कि आतंकवाद को लेकर शुक्रवार को जारी किए गए एक बयान को लेकर पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने आपत्ति जताई है। हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकी दूतावास के अधिकारी को तलब किया था। पीएम मोदी 21-24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर थे।

दरअसल, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि उनके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकी हमलों के लिए बेस के तौर पर न हो। व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद जारी बयान की पाकिस्तान ने कड़ी आलोचना की है। साथ ही उसे कूटनीति की शर्तों के खिलाफ बताया है। पाकिस्तान पर लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बताया, 'इस बात पर खासा जोर दिया गया था कि अमेरिका को ऐसे बयान जारी करने से बचना चाहिए, जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत के राजनीति से प्रेरित और निराधार दावों को बढ़ावा देता हो।'

इधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैट मिलर ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत कई आतंकवादी समूहों के खिलाफ जरूरी कदम उठाए हैं, लेकिन इस अमेरिका इस क्षेत्र में और काम किए जाने की बात का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि हम नियमित रूप से इस मुद्दे को पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने उठाते रहेंगे।

चीन भी बौखलाया
चीन ने सोमवार को कहा कि देशों के बीच सहयोग से न तो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर किया जाना चाहिए, और न ही किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाया जाना चाहिए। चीन की यह प्रतिक्रिया भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में हुए विभिन्न रक्षा और वाणिज्यिक समझौतों के परिप्रेक्ष्य में आई है। इन समझौतों में लड़ाकू विमानों के लिए एफ414 जेट इंजनों का संयुक्त उत्पादन एवं सशस्त्र ड्रोन की खरीद शामिल है।