भाेपाल
 अलग-अलग स्थानाें पर बनी पांच मौसम प्रणालियाें के कारण नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से विभिन्न जिलाें में रुक-रुककर बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक बुधवार-गुरुवार काे जबलपुर एवं नर्मदापुरम संभागाें के जिलाें में अच्छी वर्षा हाेने की संभावना है। शेष जिलाें में दाेपहर के बाद गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। प्रदेश में भारी वर्षा का दौर 27 जून के आसपास शुरू हाेने के आसार हैं। उधर मंगलवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 43, खरगाेन में 23, उज्जैन में 20, टीकमगढ़ में 15, धार में सात, इंदौर में 1.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि अभी भी दक्षिण-मानसून चंबल संभाग के जिलाें के अलावा, ग्वालियर, दतिया, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, उज्जैन एवं आगर जिलाें में नहीं पहुंचा है। मंगलवार काे मानसून की उत्तरी सीमा पाेरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा, चुर्क से हाेकर गुजर रही है। हालांकि मानसून मप्र के 80 प्रतिशत क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण तापमान बढ़ते ही गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला बना हुआ है। इस तरह की स्थिति अभी बनी रहेगी। 27 जून से प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हाे सकती है।

ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षाेभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। इसके प्रभाव से उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। हरियाणा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक एक द्राेणिका लाइन बनी हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गुजरात से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्राेणिका लाइन बनी हुई है। इन पांच मौसम प्रणालियाें के असर से नमी मिलने के कारण मप्र में बौछारें पड़ रही हैं। बुधवार-गुरुवार काे नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभागाें के जिलाें में तेज बौछारें पड़ने की संभावना है।