इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सेना की अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, जिसके बाद अब इमरान खान का खेल खत्म माना जा रहा है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने घोषणा की है, कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) परिसर से गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुई हिंसा के लिए एक सैन्य अदालत में पेश किया जाएगा।

पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, कि "इमरान खान ने सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए एक प्लान बनाया और इसे लागू कराया, इसलिए मेरी समझ से यह सैन्य अदालत का मामला है।" इमरान खान को बताया मास्टरमाइंड पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा, कि अपदस्थ प्रधान मंत्री, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से हटा दिया गया था, वो 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर किए गये हमलों का "मास्टरमाइंड" थे और उन्होंने पहले ही इसकी प्लानिंग कर रखी थी। आंतरिक मंत्री ने कहा, कि "इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले सारी योजना बनाई गई थी और इसके मुख्य सूत्रधार इमरान खान हैं।" उन्होंने यह भी कहा, कि सरकार के पास इमरान खान की दंगों में संलिप्तता के "सबूत" हैं। आपको बता दें, कि पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी से भड़के उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने कथित तौर पर 9 मई को सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी।

बाद में हिंसा को रोकने के लिए, सरकार ने सेना को बुलाया और घोषणा की, कि प्रदर्शनकारियों पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इमरान खान ने दावा किया है, कि पूरे देश से उनके करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इमरान खान की पार्टी के तमाम बड़े नेता या तो इस्तीफा दे चुके हैं, या फिर जेल में बंद हैं। इमरान खान ने सेना पर अपनी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं, फैसलाबाद में मंगलवार को एक आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने 9 मई के दंगों के दौरान रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला करने में शामिल चार आरोपियों को सैन्य अदालत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। उससे पहले सोमवार को भी रावलपिंडी में एटीसी ने 9 मई के दंगों के दौरान जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) पर हमले में शामिल आठ आरोपियों को सैन्य अदालतों में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी।

 इमरान खान को फांसी या उम्रकैद?
पाकिस्तान में आम नागरिकों के खिलाफ भी सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना होती है। ये कानून सेना को नेताओं पर नकेल कसने के लिए बनाया गया है। आर्मी कोर्ट के तहत काफी जल्दी सुनवाई हो जाती है और इसके लिए पाकिस्तान में अलग से तीन आर्मी कोर्ट बनाए जाएंगे। माना जा रहा है, कि इमरान खान के सैकड़ों समर्थकों को फांसी और उम्रकैद की सजा दी जाएगी, ताकि सेना को लेकर देश की जनता के मन में खौफ पैदा किया जा सके। वहीं, इमरान खान को भी फांसी या उम्रकैद दी जा सकती है और पाकिस्तान में ऐसा होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है। पाकिस्तान में पहले भी प्रधानमंत्रियों की न्यायिक हत्याएं हुई हैं। इमरान खान खुद कह चुके हैं, कि उनकी हत्या की तीन कोशिशें पहले भी की जा चुकी हैं।