कीव
रूस-यूक्रेन जंग दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है। रूस और यूक्रेन दोनों ही झुकने को तैयार नहीं हैं। एक ओर यूक्रेन रूस में घुसपैठ कर रहा है तो दूसरी ओर पुतिन युक्रेन के शहरों पर बम बरसा रहे हैं। आखिर यह विनाशलीला कब खत्म होगी। हालांकि, रूस-यक्रेन जंग खत्म कराने भारत के साथ कई देश की कोशिशों में जुटे हैं।

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ युद्ध का अंत बातचीत से ही होगा लेकिन इसके लिए यूक्रेन को मजबूत स्थिति में होना जरूरी है। वह पुतिन की शर्तों पर युद्धविराम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास शांति की योजना है। जेलेंस्की ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके दो संभावित उत्तराधिकारियों मसलन कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के सामने यह योजना रखेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग पर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तीन सप्ताह पहले शुरू की गई कार्रवाई इसी योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस योजना में आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी कई कदम उठाए जाने हैं। इस योजना का खास मकसद रूस को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना है और मैं चाहता हूं कि ऐसा हो, जो यूक्रेन के लिए अच्छा हो।

जेलेंस्की का कहना है कि रूस जंग के खात्मे के लिए यूक्रेन पर अपनी शर्तें थोपना चाहता है, जिसे कीव किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं कर सकता। वहीं, पुतिन का कहना है कि किसी भी समझौते की शुरुआत यूक्रेन को जमीन हकीकत स्वीकार करने के साथ होनी चाहिए, जिसका मतलब होगा कि रूस के पास यूक्रेन के चार क्षेत्रों के बड़े हिस्से और क्रीमिया का कब्जा रहेगा। जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। बातचीत सिद्धांत रूप में खाली और व्यर्थ है, क्योंकि वह कूटनीतिक तरीके से युद्ध समाप्त नहीं करना चाहता।
बता दें कि फरवरी 2022 से ही रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। उन्होंने अपनी योजना के बारे में विस्तार से तो नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि वह अमेरिका की डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से भी इस योजना को लेकर बातचीत करेंगे। जेलेंस्की ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए अमेरिका जाएंगे। इस दौरान वह बाइडेन से मिलेंगे। यहीं पर वह बाइडन, कमला और डोनाल्ड ट्रंप से अपनी बनाई योजना को उनके सामने रखेंगे।
जेलेंस्की के बयान से यह लग रहा है कि यूक्रेन इंटरनेशनल पीस समिट को बातचीत के लिए संभावित मंच के रूप में देखते हैं। यूक्रेन चाहता है कि भविष्य में होने वाले पीस समिट में रूस भी शामिल हो। बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग पर पहला शांति शिखर सम्मेलन (पीस समिट) जून में स्विटजरलैंड में हुई थी। इसमें रूस को नहीं बुलाया गया था, जबकि भारत समेत करीब 90 देश इसमें शामिल हुए थे। चीन और पाकिस्तान भी इस समिट में शामिल नहीं हुए थे।