नई दिल्ली
 देश में 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए करीब दो महीने तक चले हाई-वोल्टेज प्रचार के बाद अब सभी की निगाहें आज शनिवार को अंतिम चरण में 57 संसदीय सीटों के लिए होने वाले मतदान पर टिकी है।मतदान हुआ शुरू लगी लम्बी कतारे।

इन सीटों में सर्वाधिक हाईप्रोफाइल वाराणसी सीट भी शामिल हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। मोदी ने 2014 और 2019 में यहां से जीत हासिल की और अब अपने तीसरे कार्यकाल के लिए कृतसंकल्पित हैं।

केंद्रशासित चंडीगढ़ की एक सीट समेत हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सभी सीटों के साथ, ओडिशा (छह), उत्तर प्रदेश में (13) , पश्चिम बंगाल में (नौ) तथा बिहार में आठ एवं झारखंड (तीन) सीटों पर भी मतदान होगा।

वर्ष 2019 के आम चुनावों में इन 57 में से भाजपा ने 25 सीटें जीतीं, तृणमूल कांग्रेस ने नौ और कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी।
अंतिम चरण के चुनाव में कुल 904 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें पंजाब से 328, उत्तर प्रदेश से 144, बिहार से 134, ओडिशा से 66, झारखंड से 52, हिमाचल प्रदेश से 37 और चंडीगढ़ से चार प्रत्याशी शामिल हैं।
प्रमुख उम्मीदवारों में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर , अभिनेत्री से नेत्री बनी कंगना रनौत, हरसिमरत कौर बादल, रवि किशन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी तथा अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
इससे पहले सात चरणों वाले चुनावों के लिए 75 दिनों तक चला प्रचार अभियान गुरुवार को समाप्त हो गया। केंद्र मे सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) तीसरी बार सत्तासीन होने के लिए कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों का इंडिया समूह ने एक दशक के बाद सत्ता में उलटफेर को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
इस बीच मोदी ने पश्चिम बंगाल में अपना तूफानी अभियान पूरा करने के बाद चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पंजाब में जनसभाएं की और इसके बाद 48 घंटे के ध्यान के लिए देश के सबसे दक्षिणी छोर पर कन्याकुमारी चले गये।

57 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल 2105 नामांकन पत्र किए गए थे दाखिल 

इस संबंध में चुनाव आयोग ने बुधवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में होने वाले मतदान के लिए सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 57 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल 2105 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। 

अब कुल 904 उम्मीदवार ही मैदान में 

ज्ञात हो, लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण की अधिसूचना मंगलवार 7 मई को जारी की गई थी। वहीं इस चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 मई थी। 

दाखिल किए गए सभी नामांकनों की जांच के बाद 954 नामांकन वैध पाए गए। इनमें से 50 उम्मीदवारों ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया। ऐसे में अब कुल 904 उम्मीदवार ही मैदान में बचे हैं। 

इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सीटों पर सातवें चरण का चुनाव 

आयोग के अनुसार नाम वापसी के बाद अब बिहार की 8 सीटों पर 134, चंडीगढ़ की एक सीट पर 19, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटों पर 37, झारखंड की 3 सीटों पर 52, ओडिशा की 6 सीटों पर 66, पंजाब की 13 सीटों पर 328 उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 144 और पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर 124 उम्मीदवार अंतिम रूप से चुनाव मैदान में हैं।

आयोग के अनुसार इस चरण में पंजाब में 13 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से अधिकतम 598 नामांकन फॉर्म थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 13 संसदीय क्षेत्रों से 495 नामांकन थे। 36-बिहार के जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से सर्वाधिक 73 नामांकन पत्र प्राप्त हुए। इसके बाद पंजाब के 7-लुधियाना संसदीय क्षेत्र से 70 नामांकन पत्र प्राप्त हुए। इस चरण के लिए एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 16 है।