मॉस्‍को

भाड़े के सैनिकों वाले वैगनर ग्रुप की बगावत के बाद रूस में गृहयुद्ध जैसी स्थित बन रही है। हालात बिगड़ते देख रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित किया। पुतिन ने कहा कि वैगनर ग्रुप ने रूस की पीठ में छूरा घोंपा है। वैगनर ग्रुप द्वारा रूसी सेना के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह "विश्वासघात है।

" पुतिन ने कहा कि रूस ''अपने भविष्य के लिए सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है।'' उन्होंने कहा कि भाई के खिलाफ भाई को खड़ा किया जा रहा है। एक रूसी सुरक्षा सूत्र ने शनिवार को रॉयटर्स को बताया कि वैगनर ग्रुप के लड़ाकों ने मॉस्को से लगभग 500 किमी (310 मील) दक्षिण में वोरोनिश शहर में सभी सैन्य सुविधाओं पर कब्जा कर लिया है।

पुतिन ने कहा कि वैगनर समूह द्वारा किया गया "सशस्त्र विद्रोह" देशद्रोह है, और जिसने भी रूसी सेना के खिलाफ हथियार उठाए, उन सब को सजा मिलेगी। टेलीविजन पर आपातकालीन संबोधन के दौरान बोलते हुए, पुतिन ने कहा कि वह रूस की रक्षा के लिए सब कुछ करेंगे, और दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में स्थिति को संभालने के लिए "निर्णायक कार्रवाई" की जाएगी। इस शहर पर वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कब्जे का दावा किया है।

पुतिन ने शनिवार को कहा कि रूसी सेना "करारा जवाब देगी।" अपने बयान में पुतिन ने स्वीकार किया कि रोस्तोव-ऑन-डॉन में स्थिति "कठिन बनी हुई" है। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि 'सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाला हर कोई गद्दार हैं और मौजूदा "विद्रोह" में भाग लेने वाले सभी लोगों को दंडित किया जाएगा।

मॉस्को ने आतंकवाद विरोधी आपातकाल की घोषणा की

इस बीच मॉस्को और आसपास के क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी समिति ने कहा, "शहर और मॉस्को क्षेत्र में संभावित आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए, आतंकवाद विरोधी व्यवस्था स्थापित की गई है।" पूरे मॉस्को में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

यूक्रेन की सीमा से लगे दक्षिण-पश्चिमी रूस के वोरोनिश क्षेत्र ने भी इस प्रकार के आपातकाल की घोषणा की है। आतंकवाद विरोधी आपातकाल की स्थिति रूसी अधिकारियों को ज्यादा कंट्रोल और किसी की भी गिरफ्तारी करने की सुविधा देता है। टेलीफोन कॉल को भी टैप किया जा सकता है।

सैन्य मुख्यालय मौजूद है वैगनर चीफ

रूस के रक्षा मंत्री को पद से हटाने के विरोध में सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने वाले निजी सेना 'वैगनर' के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन ने शनिवार सुबह दावा किया कि वह और उनके लड़ाके यूक्रेन की सीमा पार कर रूस के एक अहम शहर पहुंच गए हैं। प्रीगोझिन ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह रोस्तोव-ओन-डॉन में स्थित रूसी सैन्य मुख्यालय में खड़े नजर आ रहे हैं।

यह मुख्यालय यूक्रेन में युद्ध पर नजर रखता है। प्रीगोझिन ने दावा किया कि उनके बलों ने शहर में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों को अपने कब्जे में ले लिया है, जिसमें एक हवाई पट्टी भी शामिल है। सोशल मीडिया पर जारी एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि सड़कों पर सैन्य वाहन और टैंकर मौजूद हैं।

पुतिन के लिए जरूरी काम कर चुका है वैगनर

प्रीगोझिन के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए रूस की सुरक्षा सेवाओं ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसके मद्देनजर राजधानी मॉस्को और रोस्तोव-ऑन-डॉन में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि 'वैगनर' प्रमुख रूसी शहर में कैसे घुसा या उसके साथ कितने लड़ाके हैं।

प्रीगोझिन के बगावत का ऐलान करने की वजह से यूक्रेन में रूस का अभियान प्रभावित हो सकता है। 'वैगनर' बलों ने यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभाई है और बखमूत शहर पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की, जहां लंबी और भीषण लड़ाई चली। प्रीगोझिन ने रूस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की आलोचना भी की है और उन पर अक्षम होने और 'वैगनर' बलों को हथियार व गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाया है।

 रूस में हालात इस समय बेहद खराब हैं। देश की प्राइवेट आर्मी के तौर पर मशहूर वैगनर ग्रुप ने विद्रोह कर दिया है। राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कसम खाई है कि पीठ में छुरा भोंकने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा। संगठन के मुखिया येवेगनी प्रिगोझिन ने कहा है कि वह अपना बदला लेकर रहेंगे। वैगनर प्रमुख की देश को चेतावनी के बाद रूसी अधिकारियों ने कई क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय कड़े कर दिए हैं। जानिए क्‍या है यह वैगनर ग्रुप जिसने पुतिन के सामने उनके जीवन की सबसे मुश्किल घड़ी पैदा कर दी है।

बखमुत पर किया कब्‍जा

वैगनर ग्रुप को आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर कहा जाता है। यह एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता है। यह दरअसल एक प्राइवेट मिलिट्री कंपनी और भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क है। समूह की पहचान पहली बार साल 2014 में पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान की गई थी।

उस समय यह एक सीक्रेट संगठन था जो ज्यादातर अफ्रीका और मध्य पूर्व में काम कर रहा था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह संगठन यूक्रेन अभियान का एक अहम हिस्‍सा बन गया है। पूर्वी यूक्रेन में स्थित बखमुत शहर पर रूस के कब्‍जे में भी वैगनर ग्रुप को ही श्रेय दिया जाता है।