इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा पर 5 मई को लगने वाला है। ज्योतिष के मुताबिक चंद्र ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है और इस दिन भद्रा का साया भी रहने से कुछ राशि वालों के लिए इसका असर अशुभ भी हो सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण रात 8.45 मिनट से शुरू होगा और रात 1 बजे तक रहेगा और इस ग्रहण का सूतक काल  9 बजे से शुरू होगा।

ग्रहण का होता है नकारात्मक असर

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है। ऐसे में लाल किताब के कुछ उपायों को आजमाकर आप ग्रहण के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके अलावा लाल किताब के इन उपायों को आजमाकर कुंडली में मौजूद कुछ ग्रह दोषों को भी दूर किया जा सकता है –

ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान अशुभ प्रभाव से बचने के लिए 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से करियर की नई राह भी खुलती है। इसके अलावा देवी लक्ष्मी की प्रसन्न करने के लिए 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:' मंत्र का जप करना लाभकारी होता है।

 

लाल किताब के इन उपायों से दूर होता है ग्रहण दोष

– चंद्र ग्रहण के बाद पहले सोमवार का व्रत रखकर शिवजी की पूजा करें।

– केसर की खीर का देवी लक्ष्मी को भोग लगाएं और कन्याओं को खिलाएं।

– सफेद वस्त्र और चावल का गरीबों को दान करना चाहिए।

– शुक्रवार को पानी या फिर दूध को साफ बर्तन में डालकर सिरहाने रखकर सो जाएं।

– अगले दिन सुबह शनिवार को कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।

ग्रहण से पहले चंद्रमा को ऐसे दें अर्घ्य

चंद्र ग्रहण से पहले ही कटिंग, दाढ़ी या चोटी को हटा देना चाहिए। ग्रहण के समय ये नहीं रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण से पहले चांदी के लोटे में गंगाजल, चावल, शक्कर और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। लाल किताब के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दिन पानी वाले नारियल लें और उसे अपने सिर पर से 21 बार वार कर बहते पानी में प्रवाहित कर देने से ग्रहण दोष दूर हो जाता है और नकारात्मक ऊर्जाएं रहती हैं।