ढाका
बांग्लादेश में पांच अरब डॉलर के परमाणु ऊर्जा प्लांट के कथित घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके स्वजनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। यह घोटाला ढाका से कुछ दूर स्थित रूपपुर पावर प्लांट को रूस की सरकारी एजेंसी रोसातोम बनवा रही है जिससे कुछ भारतीय कंपनियां भी जुड़ी हुई हैं।

जानिए क्या है मामला
यह बांग्लादेश का पहला परमाणु ऊर्जा प्लांट है जिसे ढाका से 160 किमी पश्चिम स्थित रूपपुर में रूस ने डिजाइन किया है। रूपपुर एनपीपी प्रोजेक्ट को लेकर लगाए गए आरोपों से रोसातोम ने इन्कार किया है। रूस सरकार के कारपोरेशन का कहना है कि वह पारदर्शी नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध है। वह अपने हितों और प्रतिष्ठा के लिए कोर्ट में जाएगी।

शेख हसीना पर लगे हैं ये आरोप
वहीं, 77 वर्षीय अपदस्थ पीएम शेख हसीना पर आरोप है कि पांच अरब डालर के रूपपुर परमाणु ऊर्जा प्लांट की पूरी रकम को उन्होंने अपने मलेशिया के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया है। इस मामले में शेख हसीना के अलावा, उनके बेटे सजीब वाजेब ज्वाय (अमेरिका में रहते हैं), उनकी भांजी व ब्रिटिश ट्रेजरी मिनिस्टर ट्यूलिप सादिक भी आरोपित हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटनाक्रम तब सामने आया जब दो दिन पहले बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में पूछा कि भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एससीसी) ने अभी तक रूपपुर पावर न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के पांच अरब डालर कथित रूप से शेख हसीना के मलेशिया के एकाउंट में ट्रांसफर किए जाने पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है।

हसीना, ज्वाय और ट्यूलिप की इस हेराफेरी को क्या अवैध नहीं घोषित किया जाना चाहिए? एसीसी के दस्तावेजों के अनुसार रूपपुर पावर प्लांट में भ्रष्टाचार होने की बात नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट (एनडीएम) के अध्यक्ष बाबी हज्जाज ने उजागर की थी।

शेख हसीना पर लगे हैं कई अन्य आरोप
उल्लेखनीय है कि हसीना अपदस्थ किए जाने के बाद यानी पांच अगस्त से भारत में शरण लिए हुए हैं। 16 साल के शासन और लगातार तीसरी बार सत्ता में निर्वाचित होने के बाद शेख हसीना पर और उनके सहयोगियों पर हत्याओं और प्रदर्शनों के भी आरोप लगाए गए हैं।

हसीना के प्रत्यारोपण की मांग
बता दें कि हाल के दिनों में ही बांग्लादेश नें भारत से शेख हसीना के प्रत्यारोपण के लिए पत्र लिखा था। भारत ने इस नोट के मिलने की बात स्वीकार की है। इस नोट को लेकर पिछले दिनों भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि, “हमें बांग्लादेश उच्चाोग से एक नोट वर्बल प्राप्त हुआ है जो प्रत्यर्पण से संबंधित है। इस बारे में हमारे पास साझा करने के लिए और कोई सूचना नहीं है।''