नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति पद के लिए सामूहिक निर्णय के बाद आइएनडीआइए एक साझा उम्मीदवार उतार सकता है। ब्लॉक के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बहुमत में होने के बावजूद उसे लगता है कि संख्या बल विपक्ष के पक्ष में नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसी भावना है कि विपक्षी दलों को परिणाम की परवाह किए बिना एक मजबूत राजनीतिक संदेश देने के लिए चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

जगदीप धनखड़ ने सोमवार को दिया था इस्तीफा

गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके इस्तीफे के पीछे अन्य कारणों को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। 74-वर्षीय धनखड़ ने अगस्त, 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल अगस्त, 2027 तक था।

दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 782 है

बहरहाल, दोनों सदनों की प्रभावी संख्या 782 है और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में विजयी उम्मीदवार को 392 वोट हासिल करने होंगे, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं, उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हैं।

लोकसभा में, जहां भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 542 सदस्यीय सदन में 293 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, वहीं आइएनडीआइए के पास 234 सदस्य हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में लगभग 130 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जिसकी प्रभावी संख्या 240 है।

 आइएनडीआइए को 79 सदस्यों का समर्थन प्राप्त

उच्च सदन में आइएनडीआइए को 79 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। प्रभावी रूप से, संसद में एनडीए के 423 सदस्य और इंडिया ब्लॉक के 313 सदस्य हैं, शेष गुटनिरपेक्ष हैं। चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह जल्द ही तारीखों की घोषणा करेगा।

संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति के निधन, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से खाली हुए इस पद को भरने के लिए चुनाव ''यथाशीघ्र'' कराया जाएगा। निर्वाचित व्यक्ति ''अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पूरे पांच वर्ष की अवधि'' तक इस पद पर बने रहने का हकदार होगा।