नई दिल्ली
 आईपीओ मार्केट में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। दक्षिण कोरिया की ऑटो कंपनी हुंडई मोटर की भारतीय यूनिट आईपीओ लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक कंपंनी अगले दो सप्ताह में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल कर सकती है। इसके साथ ही आईपीओ लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यदि यह आईपीओ सफल रहा तो यह भारत में किसी ऑटो कंपनी का दो दशक से अधिक समय में पहला आईपीओ होगा। इससे पहले देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी साल 2003 में आईपीओ लाई थी। एक निवेश बैंकर ने बताया कि डीआरएचपी दाखिल करने के बाद हुंडई मोटर इंडिया का मैनेजमेंट अगले महीने से भारत और विदेशों में इन्वेस्टर्स रोड शो शुरू कर सकता है।

डीआरएचपी दाखिल करने के बाद 60-90 दिनों के भीतर इसे सेबी से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस तरह हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ संभवतः सितंबर या अक्टूबर में बाजार में आ सकता है। कंपनी ने इस आईपीओ को मैनेज करने के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर सिटीबैंक, मोर्गन स्टेनली, कोटक महिंद्रा, एचएसबीसी और जेपी मोर्गन को हायर किया है। हालांकि हुंडई मोटर इंडिया ने इस बारे में ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया। इस आईपीओ के जरिए हुंडई की कोशिश भारतीय शेयर बाजार में तेजी का लाभ उठाने की है। पिछले दशक में भारतीय बाजार ने 14% का सालाना रिटर्न दिया है। यह वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच बाजारों में शामिल है।

ऑटो सेक्टर को फायदा

ईटी ने फरवरी में बताया था कि हुंडई अपनी भारतीय यूनिट के लिए 22-28 अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य बना रही है और आईपीओ के माध्यम से 15-20% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। यह पूरी तरह से कोरियाई मूल कंपनी द्वारा बिक्री पेशकश होगी। एक टॉप घरेलू फंड के सीनियर फंड मैनेजर ने कहा कि यदि हुंडई यह वैल्यूएशन प्राप्त करने में सफल हो जाती है, तो इससे भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की पुनः रेटिंग हो सकती है। इससे विशेष रूप से मारुति सुजुकी को लाभ होगा। साथ ही घरेलू ऑटो बाजार को भी फायदा होगा। एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट ने कहा कि भारत में बहुत ज्यादा लिस्टेड कंपनियां नहीं हैं। ऐसे में घरेलू स्तर पर लिस्टेड कंपनियों में हुंडई की निकटतम प्रतिद्वंद्वी मारुति सुजुकी ही है। हुंडई की वैल्यूएशन मारुति की तुलना में काफी अधिक होने की संभावना है।

एनालिस्ट ने कहा कि पिछले कुछ साल में भारतीय बाजार में एसयूवी की मांग बढ़ी है और हुंडई ने इस मौके का फायदा उठाया है। मारुति की तुलना में हुंडई नए मॉडल, लेटेस्ट टेक्नीक और ज्यादा फीचर पेश करने के मामले में बहुत ज्यादा सक्रिय रही है। इससे कंपनी बेहतर वैल्यूएशन और अपनी प्रीमियम स्थिति को मजबूत करने की स्थिति में है। हुंडई के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण गर्ग ने इस महीने की शुरुआत में मीडिया के साथ मंथली सेल बिक्री कॉल में कहा कि मई में हुंडई की कुल बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी रिकॉर्ड 67% रही। कंपनी की एसयूवी रेंज में Exter, Venue, Creta, Alcazar, Tucson और Ioniq 5 शामिल हैं।