नईदिल्ली

2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किए जा रहे महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। पहले ही कदम पर विरोधाभास सामने आने लगे हैं। विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी (आप) के शामिल होने के संकेत के बाद कांग्रेस में कलह होने लगी है। 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल की सीबीआई पूछताछ से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का उनको फोन करके एकजुटता जाहिर करना पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आया है। खासकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने खुलकर विरोध किया है। वरिष्ठ नेता अजय माकन ने तो सोशल मीडिया पर कई वजहें गिनाते हुए कहा कि केजरीवाल से किसी तरह की सहानुभूति या समर्थन की आवश्यकता नहीं है। वहीं, माकन के अलावा भी कुछ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उन्हें 'आप' का साथ मंजूर नहीं है। इससे पहले मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के समय भी इसी तरह का कंफ्यूजन देखने को मिला था।

क्या कहा अजय माकन ने?

पार्टी अध्यक्ष के रुख का इशारों में विरोध करते हुए अजय माकन ने कहा कि 'भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों' का सामना कर रहे आप संयोजक और उनके सहयोगियों को कोई सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'शराब घोटाले के आरोपों की गहन जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि केजरीवाल ने भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का उपयोग पंजाब, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ किया है।'

      माकन ने अन्ना हजारे के आंदोलन और लोकपाल विधेयक को लेकर पार्टी बनाने का जिक्र करते हुए कहा कि केजरीवाल ने सत्ता में आने के 40 दिन बाद फरवरी 2014 में एक मजबूत लोकपाल बिल की मांग करते हुए अपनी ही सरकार को भंग कर दिया। इसके बावजूद, दिसंबर 2015 में लोकपाल विधेयक का कमजोर संस्करण पेश किया, जो 2014 में प्रस्तावित मूल विधेयक से बहुत अलग था।' उन्होंने कहा कि इससे केजरीवाल के असली चरित्र और मंशा का पता चलता है। माकन ने यह भी अपील की है कि कांग्रेस से जुड़े वकील केजरीवाल का केस ना लड़ें। गौरतलब है कि कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का पक्ष अदालतों में रख रहे हैं।

खड़गे ने की थी बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन का यह रुख कांग्रेस अध्यक्ष से पूरी तरह अलग है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को केजरीवाल को फोन कर आप नेता के साथ एकजुटता दिखाई थी। माकन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों को एकजुट करने और उन्हें एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार खड़गे ने केजरीवाल को फोन कर 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया था।

सिर्फ माकन नहीं कर रहे विरोध

ऐसा नहीं है कि केजरीवाल का विरोध सिर्फ अजय माकन कर रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा 'आप' और केजरीवाल के विरोध में नजर आ रहा है। अलका लांबा और संदीप दीक्षित जैसे नेता लगातार 'आप' पर हमलावर हैं और शराब घोटाले में सिसोदिया की गिरफ्तारी और केजरीवाल से पूछताछ का समर्थन किया है। अलका लांबा ने तो केजरीवाल की ओर से सोनिया गांधी की गई टिप्पणी और विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या इन्हें कोई कांग्रेसी कैसे समर्थन दे सकता है? उन्होंने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह बात कही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने भी अजय माकन के ट्वीट को साझा करते हुए अपनी राय जाहिर कर दी है।

क्या कह रहे दिल्ली के नेता

वहीं, पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी तादात है जो 'आप' के खिलाफ लड़ाई के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि जिस पार्टी ने उनसे दो राज्यों में सत्ता छीन ली और दिल्ली में शून्य पर पहुंचा दिया उससे गठबंधन करना ठीक नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, 'क्या अध्यक्ष जी (खड़गे) भूल गए हैं कि कांग्रेस और इसके नेताओं के खिलाफ केजरीवाल ने क्या-क्या कहा था? कांग्रेस की छवि को खराब करने में केजरीवाल का बड़ा हाथ है, जबकि वह खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। ऐसे में केजरीवाल का साथ कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं होगा। गठबंधन कर भी लिया तो फायदे की बजाय इसका नुकसान होगा।' वह यह भी कहते हैं कि जब 'आप' दिल्ली में मजबूत थी तो हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी और अब जब जनता केजरीवाल सरकार से सवाल दाग रही है तो हम उनसे गठबंधन क्यों करें?