यूक्रेन
यूक्रेन में रूस की तरफ से लड़ने वाले वैगनर ग्रुप के मालिक येवगेनी प्रिगोज़िन ने अब रूस के खिलाफ ही बगावत का ऐलान कर दिया है और येवगेनी प्रिगोज़िन ने राष्ट्रपति पुतिन की सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। येवगेनी प्रिगोज़िन के लड़ाके राजधानी मॉस्को में घुस चुके हैं और राजधानी की सड़कों पर टैंक्स देखे जा रहे हैं। येवगेनी प्रिगोज़िन और उनके लड़ाकों को रोकने के लिए भारी सख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है, लेकिन येवगेनी प्रिगोज़िन ने दावा किया है, कि काफी रूसी सैनिक भी उनके समर्थन में है, जिसके बाद आशंका इस बात को लेकर है, कि अगर येवगेनी प्रिगोज़िन का दावा वास्तव में सही है, तो रूस गृहयुद्ध का शिकार हो सकता है।
 
येवगेनी प्रिगोज़िन, रूस के लिए ही लड़ रहे थे और वो वैगनर ग्रुप के प्रमुख हैं, जिसका मतलब 'भाड़े के लड़ाके' होता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है, कि रोस्तोव शहर में वैगनर के लड़ाकों और रूसी सैनिकों के बीच भारी लड़ाई हो रही है। पिछले महीने तक येवगेनी प्रिगोज़िन का वैगनर ग्रुप, रूस की तरफ से यूक्रेन में लड़ रहा था और अब उसने कहा है, कि वो यूक्रेनी सैनिकों के साथ मिलकर रूस में दाखिल हो रहे हैं। येवगेनी प्रिगोज़िन को व्लादिमीर पुतिन का खास आदमी माना जाता था, लेकिन टेलीग्राम पर उसने एक वीडियो जारी करते हुए, पुतिन की सत्ता को ही उखाड़ फेंकने की कसम खाई है।

 इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वैगनर समूह से "सैन्य विद्रोह" का सामना करन की चेतावनी दी गई थी। पूर्व रूसी कमांडर इगोर गिरकिन ने इसकी चेतावनी देते हुए न्यूजवीक को बताया था, कि भाड़े के लड़ाके समूह वैगनर ने बखमुत शहर से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की धमकी दी है। वहीं, मार्च महीने की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था, कि बखमुत शहर में चल रही जंग में वैगनर समूह के काफी लड़ाके मारे गये हैं, जिससे वैगनर की शक्ति काफी कमजोर हो गई है। जबकि, पिछले साल के आखिर में वैगनर ने सार्वजनिक तौर पर रूसी रक्षा मंत्रालय की आलोचना भी की थी। वैगनर ग्रुप ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को तत्काल बर्खास्त करने की चेतावनी जारी की थी, जिसे रूसी नेतृत्व ने ठुकरा दिया था, जिसके बाद येवगेनी प्रिगोज़िन ने रूस के ही खिलाफ अपने सैनिकों को उतार दिया है। वैगनर ग्रुप को जानिए रूस ने यूक्रेन युद्ध में 'भाड़े के लड़ाकों' को भी उतार रखा है। वैगनर के अलावा रूस की तरफ से चेचन्या के सैनिक भी यूक्रेन में लड़ रहे हैं। रूस के बड़े कारोबारी और पुतिन के काफी करीबी रहे येवगेनी प्रिगोज़िन का विद्रोह हैरान करने वाला है। उन्होंने वैगनर ग्रुप की स्थापना साल 2014 में की थी और वैगनर ग्रुप अभी तक कई लड़ाईयों में हिस्सा ले चुकी है।

हालांकि, अब येवगेनी प्रिगोज़िन ने विद्रोह का ऐलान कर दिया है। सीरिया, लीबिया और मध्य अफ्रीकी देशों, जैसे माली में भी वैगनर ग्रुप ने लड़ने के लिए अपने सैनिकों को भेजे हैं। और पिछले एक साल से यूक्रेन में वैगनर ग्रुप के लड़ाके पुतिन के लिए जंग लड़ रहे थे। वैगनर ग्रुप के ऊपर रूस के अंदर भी पुतिन के पक्ष में चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगते रहे हैं। वैगनर को मसनरी आर्मी भी कहा जाता है और ये युद्ध में जाने के लिए मोटा पैसा वसूलते हैं। हालांकि, जिनेवा कन्वेंशन में मसनरी सैनिकों को आम सैनिकों की तरह वैध लड़ाका नहीं माना जाता है और उन्हें आम सैनिकों की तरह अधिकार भी नहीं मिले हुए हैं।

 रिपोर्ट में पिछले साल दावा किया गया था, कि यूक्रेन युद्ध में लड़ने वाले किराए के सैनिकों को हर दिन 2000 डॉलर मिलते हैं। यानि, भारतीय रुपये के हिसाब से हर दिन करीब डेढ़ लाख रुपये प्रतिदिन। हालांकि, ये आंकड़ा अनुमानों और अलग अलग सूत्रों के हवाले से है, और वास्तविक तौर पर एक वैगनर सैनिक को कितने रुपये मिलते हैं, इसका सटीक अंदाजा या जानकारी नहीं है।