नई दिल्ली
दोनों देशों में जारी राजनयिक गतिरोध के बीच, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत की आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने करीब छह महीने पहले पदभार संभाला था। उसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में खूब तनाव आया। इन सबके बीच मालदीव से यह पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है। भारत आने के बाद मूसा ने आज दोपहर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मालदीव और भारत के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को प्रगाढ़ और विस्तारित करने पर चर्चा की।

क्यों खास है ये यात्रा
यहां खास बात ये है कि पदभार संभालने के बाद विदेश मंत्री जमीर मूसा की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। इससे पहले मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद दशकों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया था। दरअसल मुइज्जू नवंबर में राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद अपने पहले विदेश दौरे में तुर्की गए थे। मालदीव में दशकों से यह परंपरा चली आ रही है कि राष्ट्रपति अपने पहले विदेश दौरे में भारत आता है लेकिन मुइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ते हुए तुर्की जाना चुना था। अब विदेश मंत्री अपने पहले आधिकारिक दौरे पर भारत आए हैं। पदभार संभालने के बाद से विदेश मंत्री जमीर की यह पहली आधिकारिक यात्रा है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि मुइज्जू अपनी गलती सुधारना चाहते हैं। चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू भारत से बिगाड़कर मुसीबत मोल नहीं लेना चाहते हैं। भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव के पर्यटन मंत्री ने सोमवार को भारतीयों से आग्रह किया कि वे पर्यटन पर निर्भर उनके देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दें। मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने यहां ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में मालदीव और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के पहले चार महीनों की तुलना में इस साल के पहले चार महीनों में भारत से मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में 42 प्रतिशत की कमी आई है।

क्या बोले जयशंकर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत दौरे पर आए विदेश मंत्री मूसा जमीर से कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंधों का विकास दोनों देशों के आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। जयशंकर ने कहा, “करीबी और निकटतम पड़ोसियों के रूप में, हमारे संबंधों का विकास आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। जहां तक भारत का सवाल है, ये हित हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर मिशन में व्यक्त किए गए हैं। मुझे आशा है कि आज की हमारी बैठक ने हमें अपने दृष्टिकोणों की समानता को मजबूत करने में सक्षम बनाया है।”

दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते
मुइज्जू द्वारा मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले लगभग 90 भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर जोर देने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव में आ गए। भारत ने अपने ज्यादातर सैन्यकर्मियों को वापस बुला लिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने देश से सभी भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा निर्धारित की है।