जबलपुर
शहर के पांच निजी स्कूलों की 31.5 करोड़ रुपए की अवैध फीस वसूली पकड़ी गई है। यह रकम इन स्कूलों के संचालकों ने 52 हजार छात्रों से वसूल की थी। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर हुई जांच में इसका खुलासा हुआ है। सेंट अगस्टीन स्कूल सगड़ा, सेंट्रल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल विजयनगर, एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल हाथीताल, आदित्य कान्वेंट स्कूल गोपालबाग एवं अशोका हॉल जूनियर एंड हाई स्कूल विजय नगर के संचालकों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए अवैध तरीके से वसूली गई फीस 30 दिन के भीतर अभिभावकों को वापस किए जाने के आदेश दिए गए हैं।
इन स्कूलों को लौटाने होंगे पैसे
- सेंट अगस्टीन स्कूल, सगड़ा- 4.76 करोड़ रुपये
- सेंट्रल एकेडमी हायर सेकेंडरी, विजयनगर- 3.86 करोड़ रुपये
- एमजीएम हायर सेकेंडरी, हाथीताल- 7.19 करोड़ रुपये
- आदित्य कॉन्वेंट स्कूल, चेरीताल- 5.03 करोड़ रुपये
- अशोका हॉल जूनियर और हाई स्कूल, विजयनगर- 10.67 करोड़ रुपये
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इन स्कूलों ने 2024-25 सत्र के लिए फीस में अत्यधिक बढ़ोतरी की थी. इस पर अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जिला समिति ने गहन जांच की. जांच में पाया गया कि ये स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे थे.
जांच के बाद प्रशासन ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वो बढ़ी हुई फीस वसूली के बजाय पहले से तय फीस ही अभिभावकों से लेंगे. प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 5 निजी स्कूलों के मालिकों को जुर्माने की दो-दो लाख की राशि 30 दिन के भीतर जमा करने के लिए निर्देशित किया है.
अशोका हॉल जूनियर और हाई स्कूल, विजयनगर- 10.67 करोड़ रुपये
जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इन स्कूलों ने 2024-25 सत्र के लिए फीस में अत्यधिक बढ़ोतरी की थी. इस पर अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जिला समिति ने गहन जांच की. जांच में पाया गया कि ये स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे थे.
इन स्कूलों पर प्रशासन ने ठोंका 2-2 लाख रुपये का जुर्माना
इन 5 स्कूल प्रबंधनों पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे 30 दिनों के भीतर जमा करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही अभिभावकों से वसूली गई अतिरिक्त राशि को लौटाने का निर्देश भी दिया गया है.
फीस के नाम पर 166 करोड़ की अवैध वसूली
मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला समिति ने अब तक जिले के 25 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 160 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वापसी सुनिश्चित की है. इस निर्णय से प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों और अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे.