रामल्लाह
 गाजा में इजरायली हमलों में लगभग 42 957 लोगों की मौत हुई है जिसमें से 34,344 लोगों की हुई पहचान कर ली गई है। इनके शव अस्पताल, मुर्दाघर में रखे गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने नाम, आयु, लिंग और पहचान संख्या की एक सूची प्रकाशित की है, जिसमें अब तक युद्ध में मारे गए 80 प्रतिशत से अधिक फिलिस्तीनियों के नाम शामिल हैं। सूची में शामिल नामों के अलावा इजरायल के साथ संघर्ष में मारे गये शेष 7,613 लोगों को मिलाकर मृतकों की संख्या अब 41957 से अधिक हो गई है। उनके शव अस्पतालों और मुर्दाघरों में रखे गए हैं, लेकिन अब तक पहचान नहीं हुई है।

जिन 34,344 मृतकों की सूची दी गई है, उनमें 11,355 बच्चे; 60 साल या उससे अधिक आयु के 2,955 लोग, और 6,297 महिलाएं शामिल हैं। लड़ाई की उम्र के कई नागरिक पुरुष भी मारे गए हैं। इजरायल ने बिना कोई सबूत दिए दावा किया है कि उसने 17 हजार आतंकवादियों को मार गिराया है। उसने गाजा में मारे गए आम नागरिकों का अनुमान नहीं लगाया है। पहचाने गए लोगों में 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास हमलों के बाद पैदा हुए 169 बच्चे भी शामिल हैं। उसी हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई शुरू हुई जिसे अब लगभग एक साल हो गये हैं। साथ ही 1922 में पैदा एक व्यक्ति भी इस संघर्ष में मारा गया जिसने एक सदी से अधिक के अपने जीवन में कई युद्ध देखे थे।

बच्चों की भी हुई मौत
पहचाने गए लोगों में 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास हमलों के बाद पैदा हुए 169 बच्चे भी शामिल हैं. उसी हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई शुरू हुई जिसे अब लगभग एक साल हो गये हैं. साथ ही 1922 में पैदा एक व्यक्ति भी इस संघर्ष में मारा गया, जिसने एक सदी से ज्यादा की अपनी जिंदगी में कई जंगें देखी थीं. गाजा के अधिकारियों की तरफ से जारी दस्तावेज 649 पन्नों का है. मरने वालों की लिस्ट में उम्र के हिसाब से दी गई है. गाजा की आबादी युवा है. सूची में फिलिस्तीनी मरने वाले बच्चों के नामों को खास तौर से रेखांकित किया गया है.

गाजा के अधिकारियों द्वारा जारी दस्तावेज 649 पन्नों का है। मृतकों की सूची मुख्यतः उम्र के हिसाब से दी गई है। गाजा की आबादी युवा है। सूची में फिलिस्तीनी मरने वाले बच्चों के नामों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। इजरायली अधिकारी गाजा में अधिकारियों द्वारा दी गई मौतों की संख्या पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका तर्क है कि चूंकि हमास वहां की सरकार को नियंत्रित करता है, इसलिए गाजा के स्वास्थ्य अधिकारी आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं। हालांकि, इस क्षेत्र के डॉक्टरों और सिविल सेवकों के पास पिछले युद्धों का विश्वसनीय रिकॉर्ड है। साल 2009 और 2021 के बीच कई संघर्षों के बाद, संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने मृतकों की अपनी सूची तैयार की और पाया कि वे गाजा द्वारा दी गई सूचियों से काफी मिलते-जुलते हैं। इजरायल के साथ मौजूदा संघर्ष के दौरान फिलिस्तीनी अधिकारी नियमित रूप से पुष्टि किए गए मृतकों की सूची अपडेट करते रहे हैं। हालांकि वे आम नागरिकों और लड़ाकों की संख्या अलग-अलग जारी नहीं करते हैं।

इजरायल ने उठाया सवाल
इजरायली अधिकारी गाजा में अधिकारियों की तरफ से दी गई मौतों की संख्या पर सवाल उठाते रहे हैं. उसका कहना है कि चूंकि हमास वहां की सरकार को कंट्रोल करता है, इसलिए गाजा के स्वास्थ्य अधिकारी आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं. हालांकि, इस इलाके के डॉक्टरों और सिविल सेवकों के पास पिछली जंगों का रिकॉर्ड है. साल 2009 और 2021 के बीच कई संघर्षों के बाद, संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने मृतकों की अपनी लिस्ट तैयार की और पाया कि वे गाजा की तरफ से दी गई सूचियों से काफी मिलते-जुलते हैं.

17 हजार लड़ाकों की मौत
इजरायल के साथ मौजूदा संघर्ष के दौरान फिलिस्तीनी अधिकारी लगातार तस्दीक किए गए मृतकों की सूची अपडेट करते रहे हैं. हालांकि वे आम नागरिकों और लड़ाकों की संख्या अलग-अलग जारी नहीं करते हैं. जिन 34,344 मृतकों की सूची दी गई है, उनमें 11,355 बच्चे; 60 साल या उससे अधिक आयु के 2,955 लोग; और 6,297 महिलाएं शामिल हैं. लड़ाई की उम्र के कई नागरिक पुरुष भी मारे गए हैं. इजरायल ने बिना कोई सबूत दिए दावा किया है कि उसने 17 हजार लड़ाकों को मार गिराया है. उसने गाजा में मारे गए आम नागरिकों का अनुमान नहीं लगाया है.