नयी दिल्ली
कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान एक अग्रणी अस्पताल में भर्ती मरीजों के एक समूह पर किए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि एक जैसी अन्य बीमारियों से पीड़ित पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ‘‘मौत होने का खतरा अपेक्षाकृत अधिक था।’’

सर गंगाराम अस्पताल ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के अस्पताल में भर्ती 2,586 मरीजों पर यह अध्ययन 25 जून को मोलेक्यूलर एंड सेलुलर बायोकेमिस्ट्री, स्प्रिंगर नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ।

इसमें कहा गया है, ‘‘सर गंगाराम हॉस्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने 2020 में आठ अप्रैल से चार अक्टूबर तक अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 2,586 मरीजों पर एक पूर्वप्रभावी अध्ययन किया, ताकि अस्पताल में भर्ती मरीजों में कोविड-19 संक्रमण के निदान और मृत्यु दर पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी की लंबी बीमारी के संबंध का अध्ययन किया जा सके।’’

सर गंगाराम हॉस्पिटल में अध्ययन की लेखिका और अनुसंधान विभाग में परामर्शक डॉ. रश्मि राणा ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में यह भी पाया गया कि उच्च रक्तचाप से ग्रसित मरीजों के अलावा एक जैसी अन्य बीमारियों से पीड़ित पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मौत होने का खतरा अपेक्षाकृत ज्यादा था।’’

अध्ययन के सह-लेखक डॉ. विवेक रंजन ने कहा, ‘‘अध्ययन दिखाता है कि अन्य बीमारियों से पीड़ित युवा मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता अपेक्षाकृत ज्यादा पायी गयी और साथ ही ऐसी ही अन्य बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग मरीजों के मुकाबले मृत्यु दर अधिक पायी गयी।’’ बयान में कहा गया है कि 2,586 मरीजों में से 779 को आईसीयू में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ी। इनमें से 317 मरीजों की मौत हो गयी।

मौजूदा अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण के साथ ही अन्य बीमारियां होने से आईसीयू में भर्ती होने का खतरा अधिक रहता है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजों के स्वस्थ होने की अवधि लंबी रही। अन्य बीमारियों की संख्या बढ़ने के साथ ही कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता भी बढ़ जाती है।