लखनऊ
 छोटे से पार्टी कार्यकर्ता से कुछ सालों में ही विनय श्रीवास्तव अपने व्यवहार और काम के चलते केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के करीबियों में शामिल हो गया था। विनय ने कम समय में ही तेजी पकड़ी जिससे कौशल के आसपास रहने वाले कई लोगों की आखों खटकने भी लगा था।

विनय को कौशल ही नहीं उनकी विधायक पत्नी जय देवी का भी आर्शीवाद हासिल था। जाहिर है विनय की बढ़ती महत्वाकांक्षा उसके आसपास दुश्मनों की संख्या बढ़ा रही थी। खुद केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर भी विनय की हत्या के बाद दुखी नजर आए। कौशल ने बताया कि विनय मेरे परिवार के सदस्य की तरह था। वह पार्टी का कार्यकर्ता तो था ही साथ में मेरा काम भी देखता था। विनय 2017 से जुड़ा था। विनय और उसके घर वाले गाड़ियों की सर्विसिंग का काम करते थे। विनय ने अपने काम के लिए कुछ जमीन भी मुझसे मांगी थी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दुबग्गा में ही उनकी एक जमीन थी।

विनय को वो जमीन देने की बात भी चल रही थी। जिससे वह अपना सर्विस सेंटर उस जमीन पर चला सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं परिवारीजन के साथ हूं। जो भी दोषी होगा उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की पैरवी करूंगा। पुलिस अपनी तफ्तीश कर रही है। पुलिस की जांच में सब साफ हो जाएगा।
 

केंद्रीय मंत्री ने भांजे को भगा दिया था, फिर विनय हो गया था करीबी

मृतक के भाई विकास श्रीवास्तव ने बताया कि दो माह पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने भांजे मोनू को भगा दिया था। उसके बाद से भाई विनय केंद्रीय मंत्री का बेहद करीबी हो गया था। जिस घर में भाई विनय की हत्या हुई है। उसी घर में मोनू बैठा था। केंद्रीय मंत्री किसी को लेकर उससे नाराज थे। वह पहुंचे और उन्होंने मोनू को डपटकर भगा दिया था। उसके बाद से मोनू उनके यहां नहीं आ रहा था। भाई विनय की केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे के सात करीबी भी कुछ लोगों को खल रही थी।