कांकेर

कोयलीबेड़ा ब्लॉक में रहने वाले धर्मांतरण कर चुके एक परिवार की लड़की का विवाह गांव में होने से रोकने का फरमान सुना दिया है। इसके बाद पीड़ित परिवार आज कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचा, परिवार ने कुछ लोगों पर गांव में शादी करने पर दूल्हे तक को गायब करने का आरोप लगाया है, डरा सहमा परिवार सुरक्षा को लेकर चिंता में है और कलेक्टर से गुहार लगाई है। प्रशासन ने पीड़िता का आवेदन लेकर सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है। इस मामले में पीड़ित परिवार का नाम उजागर नही किया गया है।

पीड़ित परिवार की महिला ने बताया कि वह थाना कोयलीबेड़ा क्षेत्र की निवासी है, अपने व्यक्तिगत कारणों से मसीही धर्म में सपरिवार प्रार्थना करने जाती हूं, यह मेरी व्यक्तिगत आस्था है। 12 अप्रैल को मेरी बेटी का विवाह है, जिसकी जानकारी गांव के ग्रामीणों को भी है, लेकिन गांव के कुछ लोगों की ओर से बैठक कर विवाह समारोह गांव में नहीं करने की बात कही जा रही है। परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है। ऐसे में कलेक्टर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवेदन दी हूं ताकि बेटी के विवाह में कोई दिक्कत न आए और मेरी बेटी का विवाह हो सके। पीड़ित परिवार की बेटी ने बताया कि गांव के कुछ लोग धमकी देते हैं कि ईसाई धर्म मानते हो, गांव में विवाह किए तो घर जला देंगे, दूल्हा बरात से गायब हो जाएगा। पीड़ित परिवार ने विवाह रोकने एवं व्यवधान उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

गौरतलब है कि बस्तर संभाग में आदिवासी समुदाय में बड़ी संख्या में धर्मांतरण के मामले सामने आने के बाद आदिवासी समाज इसका विरोध कर रहा है, और धर्मांतरित परिवार से किसी की भी मौत होने पर गांव में दफन करने के लिए जमीन नही देने के ग्राम सभा में निणर्य पारित कर धर्मांतरित परिवार के मृतक का अंतिम संस्कार तब तक नही करने दिया जा रहा है, जब तक वह मूल धर्म में वापसी नही कर लेता। धर्मांतरण को लेकर लगातार बस्तर संभाग में तनाव का माहौल निर्मित होते रहे हैं, जिसमें ज्यादातर मामले मृतक कर्म को लेकर देखने मिले थे। लेकिन विरोध के इसी कड़ी में कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके का यह मामला विवाह को लेकर सामने आया है, जिसमें बवाल होना निश्चित माना जा रहा है। प्रश्र यह उठता है कि प्रशासन इसे कैसे लेता है, यह 12 अप्रैल को विवाह के दिन देखने को मिलेगा।