बेरूत
 लेबनान और सीमावर्ती सीरिया के कुछ इलाकों में पेजर में सिलसिलेवार ब्लास्ट होने से अफरा-तफरी का माहौल है. इस ब्लास्ट में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 4000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में लेबनान में ईरान के राजदूत भी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि पेजर्स को हैक कर ब्लास्ट किया गया था. इन पेजर्स का इस्तेमाल हिजबुल्लाह के लड़ाके करते हैं. इस हैकिंग के पीछे इजराइल का हाथ होने का दावा किया जा रहा है. हिजबुल्लाह का कहना है कि वह इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार मानता है. हालांकि इजराइल ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ये ब्लास्ट स्थानीय समयानुसार मंगलवार दोपहर लगभग 3:30 बजे हुए.

लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में सिलसिलेवार ढंग से हुए पेजर ब्लास्ट मामले से हर कोई हैरान है. ये हमला इतना सुनियोजित था कि लेबनान में लगातार एक के बाद एक पेजर ब्लास्ट से हर जगह खौफ देखने को मिला. लेबनान के चरमपंथी गुट हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर ये हमला किया गया था. लेबनान ने इस हमले में इजरायल को जिम्मेदार ठहराया. इस पूरे मामले में पेजर बनाने वाली ताइवान की कंपनी ने घटना पर प्रतिक्रिया दी है.

इस हमले के बाद चर्चा में आई ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन सु चिंग कुआंग (Hsu Ching Kuang) ने कहा है कि जिन प्रॉडक्ट में ब्लास्ट हुआ है. वह हमारे नहीं था. उन प्रॉडक्ट के लिए सिर्फ हमारे ब्रांड के नाम का इस्तेमाल किया गया था. हम जिम्मेदार कंपनी है. लेकिन यह घटना बहुत शर्मनाक है.

उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी ने इन पेजर्स को नहीं बनाया था. इन पेजर्स को यूरोप की एक कंपनी ने बनाया था. इस कंपनी के पास हमारी कंपनी का ब्रांड का इस्तेमाल करने का अधिकार है. हालांकि, उन्होंने उस कंपनी का नाम नहीं बताया, जिसने इस पेजर्स को तैयार किया था.

कब और कहां हुए थे ब्लास्ट?

लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में स्थानीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए. इन इलाकों को हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये ब्लास्ट लगभग एक घंटे तक होते रहे. दानियाह इलाके के स्थानीय इलाके के लोगों का कहना है कि उन्हें लगभग एक घंटे तक ब्लास्ट की आवाजें सुनाई देती रही.

हिजबुल्लाह के लड़ाके क्यों करते हैं पेजर का इस्तेमाल

पिछले साल सात अक्तूबर को इजरायल पर हमले के बाद से ही हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल या इंटरनेट के बजाए पेजर के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था. इसके पीछे वजह है कि इजरायली सेना और मोसाद लगातार हिजबुल्लाह के लड़ाकों की लोकेशन ट्रैक करती है. पेजर की खासियत यही है कि इसके इस्तेमाल से लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती.