मुंबई

 महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की तरफ से हरीश साल्वे, जबकि शिवसेना की तरफ से कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी पर उतरे हैं। शिंदे गुट के 15 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में रुख किया है। इसमें डिप्टी स्पीकर को नोटिस को चुनौती दी गई है, जिसमें बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाना है। दूसरा अपने लिए सिक्योरिटी मांगी है। इस बीच बागी MLAs की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को Y प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बागी विधायकों के लिए केंद्र से सिक्यारिटी मांगी थी। उन्होंने राज्य के DIG से भी विधायकों के घरों पर पुलिस तैनात करने को कहा था। इधर, बागी फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। शिंदे गुट के 51 विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने संबंधी चिट्ठी राज्यपाल को लिखी है। इधर, संजय राउत को ED ने एक मामले में नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है।

एकनाथ शिंदे के बेटे ने ठाणे में की रैली, राउत पर हमला

एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत ने आज ही ठाणे में एक रैली भी की है। इस दौरान शिंदे के समर्थक पहुंचे और संजय राउत का पुतला तक फूंका गया। बता दें कि ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। शिंदे के बेटे ने यह रैली अपने घर के पास नहीं की बल्कि ठाणे में शिवसेना के दफ्तर के पास ही की। हालांकि यह रैली बहुत बड़ी नहीं रही, जितना कि दावा किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 200 लोग ही यहां पहुंचे, लेकिन एक संदेश जरूर देने का प्रयास किया गया। इस रैली के दौरान श्रीकांत शिंदे ने कहा, 'संजय राउत की बातें हमारे लिए मायने नहीं रखती हैं। वह हमेशा फिल्मी कहानियां बनाते रहते हैं। हम यहां आनंद दीघे को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे हैं और हमें पूरे ठाणे जिले का समर्थन हासिल है।'   

डिप्टी स्पीकर की मंशा पर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों उठाया सवाल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे की अर्जी पर सुनवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर की मंशा पर ही सवाल खड़ा किया। जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल किया कि अपने खिलाफ दायर अर्जी पर कैसे डिप्टी स्पीकर खुद ही जज बन गए। इस पर डिप्टी स्पीकर की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने कहा कि उनके खिलाफ जो नोटिस आया था, वह अनवेरिफाइड ईमेल से भेजा गया था।