भोपाल
राज्य आनंद संस्थान जीवन में खुशहाली, आत्म-संतोष और सामूहिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सतत कार्यरत है। आनंद शिविरों के माध्यम से इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। आनंद शिविर का आयोजन शासकीय एवं अशासकीय आनंदकों के लिए किया जाता है। इन शिविरों का उद्देश्य प्रतिभागियों को परिपूर्ण जीवन जीने की विधा सिखाना एवं सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करना है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य आनंद संस्थान श्री आशीष कुमार ने बताया कि जीवन में 'आनंद' के साथ प्रत्येक कार्य करना चाहिए। विभाग का उद्देश्य आनंद एवं सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान तथा उन्हें परिभाषित करना है। राज्य में आनंद का प्रसार करने की दिशा में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के लिये दिशा-निर्देश तय करने का कार्य भी किया जा रहा है। आनंद की अवधारणा का नियोजन नीति निर्धारण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया की मुख्य धारा में लाना, आनंद की अनुभूति के लिये एक्शन प्लॉन एवं गतिविधियों का निर्धारण भी किया जा रहा है।
निरंतर अंतराल पर निर्धारित मापदण्डों पर राज्य के नागरिकों की मनःस्थिति का आंकलन करना, आनंद की स्थिति पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रकाशित करना, आनंद के प्रसार माध्यमों, उनके आंकलन के मापदण्डों में सुधार के लिये लगातार अनुसंधान करना और आनंद के विषय पर ज्ञान संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करने का कार्य आनंद विभाग द्वारा किया जा रहा है।
अल्पविराम परिचय सत्र आयोजित
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, कटनी में विकासखंड ढीमरखेड़ा के प्रधानाध्यापकों के लिए नेतृत्व क्षमता विकास पर पांच दिवसीय कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में "आनंद विभाग" का संक्षिप्त परिचय एवं रोचक गतिविधियों के माध्यम से "चिंता का दायरा बनाम प्रभाव का दायरा" विषय पर प्रेरक सत्र आयोजित किया गया। सत्र में उपस्थित शिक्षकों ने सक्रिय सहभागिता प्रदर्शित की और चिंतनशील चर्चा में भाग लिया। आगामी दिनों में भी इस सत्र का आयोजन अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किया जाएगा, ताकि सभी प्रतिभागी इस महत्वपूर्ण विषय से लाभान्वित हो सकें।