नई दिल्ली
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा दिए गए बयान पर संसद के अंदर और बाहर विपक्ष का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार दोपहर को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। इस दौरान अमित शाह और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला भी मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अगले अध्यक्ष के चयन पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी ने कांग्रेस के दोनों नेताओं से मुलाकात की है। आपको बता दें कि राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं वहीं खरगे राज्यसभा में कांग्रेस सहित पूरे विपश्र की अगुवाई करते हैं। दोनों ही नेता प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उस समिति का भी हिस्सा हैं, जो इस महत्वपूर्ण नियुक्ति की निगरानी करती है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान के आरोप का सामना कर रहे अमित शाह का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने संविधान निर्माता का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पोल खोल दी, जिससे मुख्य विपक्षी पार्टी स्तब्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके ‘दूषित इकोसिस्टम’ को लगता है कि उसके ‘दुर्भावनापूर्ण झूठ’ संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति उसके कई वर्षों के ‘कुकर्मों’ को छिपा सकते हैं तो वह ‘गंभीर भूल’ कर रही है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि किस प्रकार एक ‘परिवार’ के नेतृत्व में एक पार्टी, डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों को अपमानित करने के लिए हरसंभव ‘गंदी चाल’ चलने में लिप्त रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी कांग्रेस के उस आरोप के मद्देनजर आई है, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।

मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’