इजरायल
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि 11 महीने से अधिक समय तक चले युद्ध के बाद हमास की सैन्य क्षमताएं पूरी तरह बरबाद हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा है कि अब गाजा में सैन्य इकाई के रूप में इसका अस्तित्व खत्म हो चुका है। रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने चेतावनी भी दी कि इजराइल हमास के साथ अपने युद्ध में एक रणनीतिक मोड़ पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इजरायल को युद्ध को आगे बढ़ाने और हमास के साथ कैदियों के समझौते के बीच किसी एक को चुनना ही होगा। मंगलवार को गैलेंट ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "सैन्य इकाई के रूप में हमास का अब कोई वजूद नहीं है। हमास गुरिल्ला वॉर लड़ रहा है और हम हमास के आतंकियों से लड़ रहे हैं।" एक प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए गैलेंट ने कहा कि यह समझौते पर पहुंचने का अच्छा मौका है। गैलेंट ने कहा, "इज़राइल को एक समझौता करना चाहिए जिससे छह सप्ताह के लिए युद्धविराम होगा और बंधकों को रिहा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल अपने लक्ष्यों को जरूर पूरा करेगा जिसमें हमास का खात्मा भी शामिल है।"

बड़े पैमाने पर युद्ध का फायदा सिर्फ हमास को- गैलेंट
इजरायल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हमास पर समझौते पर सहमत होने के लिए दबाव डालने की अपील भी की। गैलेंट ने कहा, "बड़े पैमाने पर बहु-मोर्चा युद्ध होगा तो इसका फायदा हमास और याह्या सिनवार को ही होगा। उनका यही सपना था जब उसने इज़राइली बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ क्रूर हमले किए थे।"

नए कमांडर सिनवार को खत्म करने की कसम
गौरतलब है कि सौदे पर गैलेंट के रुख के कारण इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बार-बार टकराव हुआ है। नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा था कि इज़राइल मिस्र के साथ गाजा की सीमा पर लंबे समय तक सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा जबकि जानकारों का कहना है कि इससे समझौता कभी पूरा नहीं होगा। हालांकि गैलेंट ने कहा कि इजरायल के सैन्य दबाव ने सौदे के लिए अच्छी स्थिति बनाई है और 11 महीने के युद्ध के बाद अब सैन्य शक्ति के रूप में हमास मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने हमास के आधे से ज्यादा समूहों को मार दिया है और कसम खाई है कि यह नए कमांडर सिनवार को भी खत्म कर देगा।

बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है जंग
गाजा में युद्ध ने पूरे मध्य-पूर्व में तनाव को बढ़ा दिया है जिसमें इजरायली सेना और कई देशों में ईरान समर्थित आतंकवादियों के बीच लगातार जंग जारी है। यह डर बढ़ गया है कि यह जंग एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है। लेबनान के साथ इजरायल की सीमा पर स्थिति खास तौर पर बिगड़ गई है जहां इजरायली सेना ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के साथ लड़ रही है। गैलेंट ने कहा, "हम अपने नागरिकों को किसी भी तरह से घर वापस लाएंगे। हम इसमें सक्षम हैं और हमारी तत्परता भी बढ़ती जा रही है।" उन्होंने कहा कि इजरायल ईरान के साथ युद्ध नहीं चाहता है लेकिन अगर जरूरी हो हो तो इजरायल जवाबी कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है।