नई दिल्ली
सोमवार 20 अक्टूबर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने मोहम्मद रिजवान से पाकिस्तान की वनडे टीम की कप्तानी छीन ली। शाहीन शाह अफरीदी को वनडे टीम का नया कप्तान घोषित किया गया है, जो साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम की कमान संभालेंगे। करीब एक साल के अपने कप्तानी करियर में मोहम्मद रिजवान का रिकॉर्ड बहुत बुरा नहीं था। बावजूद इसके उनसे कप्तानी क्यों छीन ली गई? इस पर डिबेट जारी है। इस बीच एक बड़ी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि रिजवान से कप्तानी क्यों छीनी गई।
पीसीबी ने वनडे टीम की कप्तानी में अचानक किए गए बदलाव के बारे में नहीं बताया, लेकिन रिपोर्ट की मानें तो मोहम्मद रिजवान अपने सिद्धांतों पर टिके रहे, क्योंकि बोर्ड चाहता था कि वे सट्टेबाजी कंपनियों का प्रमोशन करें। रिपोर्ट में पीसीबी के एक सूत्र के हवाले से कहा गया है, “रिजवान ने पीसीबी को सूचित किया था कि वह सट्टेबाजी कंपनियों का प्रमोशन नहीं करेंगे, जो उनको कप्तानी से हटाए जाने का मुख्य कारण है। वह सरोगेट सट्टेबाजी फर्मों के साथ पीसीबी के सहयोग के खिलाफ थे।”
यह पहली बार नहीं है जब रिजवान ने ऐसा कोई फैसला लिया हो। इस साल की शुरुआत में, सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स के साथ कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) में खेलते हुए रिजवान ने एक सट्टेबाजी कंपनी के लोगो वाली जर्सी पहनने से इनकार कर दिया था। टीम की मुख्य स्पॉन्सर की जर्सी भी रिजवान ने नहीं पहनी थी। उन्होंने प्रायोजक की ब्रांडिंग के बिना एक संशोधित जर्सी पहनकर टूर्नामेंट खेला था। रिजवान कट्टर मुस्लिम हैं और वह पराई महिला से हाथ तक नहीं मिलाते और इस्लाम के उसूलों पर चलने की वजह से वह सट्टेबाजी कंपनियों को प्रमोट नहीं करते। वैसे भी कप्तानों की अदला-बदली पाकिस्तान क्रिकेट में नई बात नहीं है।