इंदौर

 इंदौर रेलवे स्टेशन के दिन फिरेंगे। केन्द्रीय बजट में 480 करोड रुपए रेलवे स्टेशन के री-डेवलेपमेंट के लिए मिलेंगे। पिछले साल के मुकाबले ज्यादा राशि इस बार मिली है। बीते साल इंदौर के खाते में 2990 करोड की राशि थी।

 सांसद शंकर लालवानी ने दिल्ली में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की, जिसमें बताया गया कि इंदौर के लिए अभी तक का सर्वाधिक 5200 करोड़(Rail Budget in MP) की राशि का प्रावधान किया गया है। इस बार प्रोजेक्ट के लिए निश्चित राशि रखने के बजाय जैसे-जैसे काम होते जाएगा, भुगतान भी लगातार किया जाएगा। इंदौर-खंडवा गेज कन्वर्शन, इंदौर-दाहोद, इंदौर-बुधनी के साथ-साथ इंदौर-मनमाड़ नई लाइन में बजट की कमी नहीं आएगी।

इंदौर-बुधनी-जबलपुर प्रोजेक्ट: इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट 2018 में स्वीकृत हुआ था। इस लाइन के लिए 1600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।

जल्द शुरू होगा काम
मुख्य स्टेशन के री-डेवलेपमेंट की डेढ़ साल पहले योजना बनी थी। इसके लिए बजट(Rail Budget in MP) में 480 करोड़ रुपए शामिल किए गए हैं। निर्माण के लिए टेंडर भी फाइनल भी हो गए है। एक माह में काम शुरू हो जाएगा। मुख्य बिल्डिंग सात मंजिला बनाई जाएगी। स्टेशन पर आने वाले 50 साल के अनुरूप व्यवस्था जुटाई जाएगी। एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशन का निर्माण होगा।

इन पर नजर
इंदौर-मनमाड़ प्रोजेक्ट : इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट वर्ष 2017 में स्वीकृत हुआ। हाल ही में इस केंद्रीय केबिनेट से प्रोजेक्ट के लिए अनुमति मिली है। मप्र के हिस्से में डीपीआर का काम हो चुका है।

दाहोद-इंदौर रेल प्रोजेक्ट : वर्ष-2007 में दाहोद-इंदौर रेल प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था। इंदौर-दाहोद रेल लाइन में सबसे महत्वपूर्ण टीही टनल में इन दिनों तेजी से काम चल रहा है।

रतलाम-महू-खंडवा-अकोला प्रोजेक्ट
रतलाम-महू-खंडवा-अकोला ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट को 2008 में विशेष दर्जा मिला। लागत करीब 2 हजार करोड़ के आसपास है। पातालपानी से बलवाड़ा तक डायवर्टेड रेल लाइन के 468.65 करोड़ के टेंडर जारी कर दिए हैं।

मध्यप्रदेश को रेल बजट में 14,745 करोड़ रुपए आवंटित

मध्यप्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जहां रेल बजट 2025-26 घोषित कर दिया गया है। इस बजट में राज्य को 14,745 करोड़ रुपए मिले हैं। जिससे रेल नेटवर्क का विस्तार और आधुनिकीकरण होगा। इसमें 31 नई रेल परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। जिससे रेल की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

इन स्टेशनों का हो रहा रीडेवलपमेंट

रीडेवलपमेंट परियोजनाओं के तहत रानी कमलापति स्टेशन, ग्वालियर, खजुराहो, सतना, इंदौर, बीना और जबलपुर जैसे मुख्य स्टेशनों के रीडेवलपमेंट यानी पुनर्विकास में 1950 करोड़ रुपए की लागत से काम जारी है।

80 स्टेशनों पर खर्च किए जाएंगे 2708 करोड़ रुपए

प्रदेश के आमला, अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बनापुरा, बरगवां, ब्योहारी, बेरछा, बैतूल, भिंड, भोपाल, बिजुरी, बीना, गुना, ग्वालियर, हरदा, हरपालपुर, इंदौर जंक्शन, इटारसी जंक्शन, जबलपुर, सतना, जुन्नारदेव, करेली, कटनी जंक्शन, कटनी मुरवारा, कटनी साउथ, ब्यावरा राजगढ़, छिंदवाड़ा, डबरा, दमोह, दतिया, देवास, गाडरवारा, गंजबासौदा, घोड़ाडोंगरी शामिल हैं। जिसमें 2708 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

साथ ही सागर, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्यामगढ़, श्योपुर कलां, शिवपुरी, श्रीधाम, शुजालपुर, सिहोरा रोड, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा, विक्रमगढ़, आलोट, खाचरोद, खजुराहो जंक्शन, खंडवा, खिरकिया, लक्ष्मीबाई नगर, मैहर, मक्सी जंक्शन, मंडला फोर्ट, मंदसौर, एमसीएस छतरपुर, मेघनगर, मुरैना, मुलताई, नागदा जंक्शन, नैनीपुर जंक्शन, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), नरसिंहपुर, नेपनागर, नीमच, ओरछा, पांढुर्णा, पिपरिया, रतलाम, रीवा, रुथियाई, सांची और संत हिरदाराम नगर जैसे स्टेशन शामिल हैं।