नई दिल्ली
भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट मैचों के लिए बड़ौदा की टीम में वापसी करेंगे। उन्हें टूर्नामेंट के पहले कुछ राउंड के लिए टीम में नहीं चुना गया था। बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने पुष्टि की है कि पांड्या मौजूदा 50 ओवर के घरेलू टूर्नामेंट के नॉकआउट चरणों के दौरान टीम में शामिल होंगे, बशर्ते टीम क्वालीफाई कर ले। क्रिकबज ने बीसीए की क्रिकेट सुधार समिति (सीआईसी) के सदस्य किरण मोरे के हवाले से कहा, "वह नॉकआउट से खेलेंगे; उन्होंने हमें सूचित कर दिया है।"

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि खिलाड़ियों को घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए, जब तक कि उन्हें स्पष्ट रूप से छूट न दी जाए। पांड्या ने हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (एसएमएटी) में भाग लिया, जहां बड़ौदा सेमीफाइनल में पहुंचा। उन्होंने इस टूर्नामेंट में खेले 7 मैचों में 246 रन बनाए और छह विकेट लिए।

पांड्या 14 महीनों से अधिक समय से कोई गैर-टी20 मैच नहीं खेला है, उन्होंने आखिरी बार पिछले साल 19 अक्टूबर को पुणे में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे वर्ल्ड कप के दौरान खेला था। उस मैच में उन्हें टखने में चोट लग गई थी, जिसके कारण वे लंबे समय तक मैदान से बाहर रहे और तब से उन्होंने रेड बॉल क्रिकेट पूरी तरह से बंद कर दिया है।

हार्दिक पांड्या का विजय हजारे टूर्नामेंट में खेलना आगामी चैंपियंस ट्रॉफी को देखते हुए उनके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब नीतीश कुमार रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा से हर किसी का ध्यान खींचा हो। मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में नीतीश रेड्डी ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर हर किसी को प्रभावित किया है। चोट के बाद से पांड्या ने इंटरनेशनल, आईपीएल और डोमेस्टिक टूर्नामेंट में 38 टी20 मैच खेले हैं, लेकिन इस दौरान उन्होंने कोई और फॉर्मेट नहीं खेले हैं। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह केवल टी20 क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।