नई दिल्ली
 
आम लोगों का घरेलू बजट पहले से गड़बड़ चल रहा है। वहीं पॉल्ट्री फार्म (मुर्गीपालन केन्द्रों) की लागत में निरंतर वृद्धि से अंडे और पॉल्ट्री मांस भी महंगा हो गया है। प्रति अंडे का दाम छह रुपये था जो आज बढ़कर सात रुपये हो गया है। कोलकाता के बाजारों में खुदरा विक्रेताओं ने कहा कि चिकन की कीमतों में भी बीते सप्ताह से 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम की उछाल आई है। वहीं, टमाटर का भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच मंडरा रहा है।

सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा  
इस बीच, सब्जियों की कीमतें भी बढ़ी हैं। भिंडी की कीमत 15 रुपये से 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम, लौकी की कीमत 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि अन्य सब्जियों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खुदरा विक्रेताओं ने कहा कि टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच मंडरा रहा है। आलू की कीमतों में भी तेजी आई। ज्योति किस्म 32-35 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है जबकि प्रमुख किस्म, चंद्रमुखी 40-45 रुपये प्रति किलोग्राम पर है। एक स्थानीय बाजार विक्रेता ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।मई में मुद्रास्फीति सात प्रतिशत से अधिक रही, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के संतोषजनक दायरे से अधिक है।
 
मुर्गी दाना हुआ महंगा
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण सब्जियों की कीमतों में भी तेजी आई है। खाद्य तेल की कीमतें हाल ही में अपने उच्चतम स्तर से कुछ कम हो गई हैं, लेकिन महामारी-पूर्व के स्तर से अब भी कम से कम 40 प्रतिशत अधिक बनी हुई हैं। पश्चिम बंगाल पॉल्ट्री फेडरेशन के सचिव मदन मोहन मैती ने बताया, ''मुर्गी दाना की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। हमारी कुल लागत में लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चारे और दवा की कीमतें पहले से ही 80 प्रतिशत ऊपर हैं, जबकि ईंधन की लागत हमारी कुल लागत में लगभग 8.5 प्रतिशत है। अंडे की कीमत सात रुपये प्रति अंडा से कम है जो किसानों के लिए अलाभकारी है।''
        
अनमोल फीड्स के प्रबंध निदेशक अमित सरावगी ने भी कहा कि तेल खली और अन्य चारों की लागत में अभूतपूर्व उछाल के कारण मुर्गीदाने  की कीमत में तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि मुर्गीदाने की अधिक लागत पॉल्ट्री उत्पादों की बढ़ती कीमतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।'' मैती ने इस बात से इनकार किया कि बाजार में अंडों की आपूर्ति में कोई बाधा है। प्रतिदिन 25-27 करोड़ अंडे का दैनिक राष्ट्रीय उत्पादन सामान्य बना हुआ है। यह पूछे जाने पर कि क्या कीमतें और बढ़ सकती हैं, मैती ने कहा कि एसोसिएशन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि खुदरा कीमतें आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रति अंडा सात रुपये से अधिक न बढ़ें।