उत्तराखंड
आज की इस दुनियां में प्रचलित रंग-बिरंगी खाने की चीजें सभी को मोह रही है। विशेष तौर पर ये चीजें बच्चों को खाने में बेहद पसंद आ रही है। लेकिन इन रंग-बिरंगी कैंडी, जूस, चॉकलेट आदि में इस्तेमाल किए जाने वाला आर्टिफिशियल फूड कलर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।      

आपको बताते चलें कि रंग-बिरंगी कैंडी, जूस, चॉकलेट,स्नैक्स आदि चीजों में Red 40, Yellow 5, Yellow 6 और Blue 1 जैसे आर्टिफिशियल फूड कलर मिलाए जाते हैं। जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं जैसे कि अधिक चमड़ी रोग, अस्थमा, नींद में कमी, पेट दर्द, डायरिया और ट्यूमर का सामना करना पड़ सकता है। कुछ रिसर्च बताती हैं कि ये रंग बच्चों के ब्रेन फंक्शन और बिहेवियर को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे होते हैं और पेरेंट्स अक्सर इसे नखरे या टेम्परामेंट समझ कर टाल देते हैं।

जानिए कैसे बचाएं बच्चों को?
बाजार से खरीदारी करते समय हर पैक्ड फूड का लेबल ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें E Numbers (जैसे E102, E110, E129) या फूड कलर लिखा हो, तो उसे अवॉइड करें।

बच्चों को घर का बना ताजा खाना ही दें
फल, सब्जी, दाल, दूध और होममेड स्नैक्स बच्चों के लिए सबसे सेफ और हेल्दी होते हैं। इसलिए अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें घर का बना हुआ ताजा व शुद्द भोजन ही दें।

इन सब्जियों व फलों से बनाएं रंगीन खाना
चुकंदर (Beetroot), अनार        लाल रंग
हल्दी, केसर                            पीला रंग
पालक,धनिया,पुदीना                 हरा रंग
जामुन, ब्लूबेरी                         बैंगनी रंग

इन प्राकृतिक रंगों से ना सिर्फ खाना सुंदर दिखेगा, बल्कि बच्चों को पौष्टिक तत्व भी मिलेंगे।