भोपाल 
 मध्य प्रदेश में 15 अगस्त से आपातकालीन सेवा देने वाली पुलिस विभाग की डायल 100 बंद हो जाएगी. इसकी जगह अब आधुनिक और नव अवतार में 112 सेवा शुरू की जाएगी. सरकार डायल 100 की जगह नई सेवा शुरू करने जा रही है, जिसे नाम दिया गया है डायल 112. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में गृह विभाग ने पूरे प्रदेश में डायल 100 के लिए नई गाड़ियां चलाई थी. अब ये वाहन पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं या फिर मरम्मत के लिए बहुत अधिक राशि मांग रहे हैं.

स्कॉर्पियो शहरी क्षेत्रों में तो बोलेरो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए

डायल 100 के बदले सरकार 15 अगस्त से डायल 112 सेवा शुरू कर रही है. इसके लिए नई गाड़ियां आ गई हैं. मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के लिए 1200 नई फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (एफआरवी) तैनात की जाएंगी. जिनमें 600 स्कॉर्पियो-एन शहरी क्षेत्रों में और 600 बोलेरो नियो प्लस ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ेंगी. ये गाड़ियां आधुनिक तकनीक से लैस होंगी. जैसे कि जीपीएस, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन सिस्टम, और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग आदि.

डायल 112 घायलों को अस्पताल भी भेजेगी

डायल 100 के पर्यवेक्षक नकुल सोनी ने बताया "नई गाड़ियां सेवा में आते ही डायल 100 नंबर पूरी तरह बंद हो जाएगा. इसकी जगह लोगों को डायल 112 पर जानकारी देनी होगी. अभी तक यह व्यवस्था थी कि डायल 100 मौके पर पहुंचकर सहायता उपलब्ध कराती थी. लेकिन इसमें घायल व्यक्तियों को अस्पताल तक भेजने की व्यवस्था नहीं थी. जो नई गाड़ियां आ रही हैं, उनमें घायल व्यक्ति के लिए स्ट्रेचर एवं अन्य मेडिकल सुविधाओं के साथ अस्पताल तक ले जाने की व्यवस्था भी रहेगी."

डायल 112 वाहन एंबुलेंस की भांति करेगी काम

कई बार एंबुलेंस आने में देर हो जाती है, जिससे घायल व्यक्ति को बचाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन अब 112 एंबुलेंस का काम भी करेगी. डायल 112 में लाइव जीपीएस ट्रेकिंग होगा. पुरानी डायल 100 में जीपीएस सिस्टम नहीं था. लेकिन नई गाड़ियों में लाइव जीपीएस सिस्टम है. जिससे उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा कि गाड़ी कितनी देर में मदद को पहुंच पा रही है या ट्रेकिंग के समय वह किस स्पॉट पर उपलब्ध है.

इसके अलावा अब व्यक्ति को नंबर लगाने पर ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि ऐसी व्यवस्था की गई है कि नया कंट्रोल रूम 100 कॉल एक साथ ले सकेगा. इसके लिए 100 कॉल ट्रैकर्स और 30 डिस्पैचर के साथ काम करेगा.

डायल 112 में कॉलर का नाम रहेगा गुप्त

पुरानी डायल 100 में एक खामी यह भी थी कि कई बार कॉलर का नाम सार्वजनिक हो जाता था, जिससे विवाद की स्थिति बन जाती थी. लेकिन नए सिस्टम में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है. कॉलर्स की गोपनीयता बनी रहे. इसके लिए कॉल मास्किंग की सुविधा भी दी जाएगी. दमोह जिले में फिलहाल 20 डायल 100 वाहन चल रहे हैं. लेकिन इस बार 112 के लिए 4 अतिरिक्त वाहनों के साथ 24 वाहनों की मांग की गई है. यदि मांग पूरी हो जाती है तो 4 अतिरिक्त पॉइंट बढ़ जाएंगे.

डायल 112 के लिए नई गाड़ियां तैयार

दमोह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुजीत भदोरिया ने बताया "अपराध घटित होने के बाद पुलिस का रिस्पांस टाइम कम करने के लिए एवं घायल को शीघ्र अस्पताल तक लाने के लिए सरकार ने नए प्रयास किए हैं. इसके अनुसार डायल 100 को रिप्लेस करके 112 नंबर सेवा में लाया जाएगा. अभी हम जिन सफारी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे जर्जर हो चुके हैं. उनकी जगह बोलोरो नियो और स्कॉर्पियो एन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दिए जाएंगे."