नई दिल्ली
 सोने के बढ़ते आयात पर लगाम लगाने और चालू खाता घाटा (कैड) को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इस मूल्यवान धातु पर आयात शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है. शुल्क में बदलाव 30 जून से प्रभाव में आया है.

इससे पहले सोने पर मूल सीमा शुल्क 7.5 फीसदी था, जो अब 12.5 फीसदी होगा. 2.5 फीसदी के कृषि अवसंरचना विकास उपकर के साथ सोने पर प्रभावी सीमा शुल्क 15 फीसदी होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में सोने का अधिक उत्पादन नहीं होता है और इसलिए इसके आयात से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है.

उन्होंने कहा, ‘सोने की मांग कीमत से प्रभावित नहीं होती है, यह बनी रहती है. ऐसे में इसके आयात को कम करने के प्रयास करने होंगे. या फिर अगर आप आयात करना ही चाहते हैं तो आपको अधिक कीमत अदा करनी होगी, ताकि देश को राजस्व मिले.’

सोने के आयात में एकाएक तेजी आई है. मई में कुल 107 टन सोना आयात किया गया, वहीं जून में भी सोने का उल्लेखनीय आयात हुआ. वित्त मंत्रालय ने कहा कि सोने का आयात बढ़ने से चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निरंतर निकासी और आयात महंगा होने से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ कमी आई है.

यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर आरबीआई ने रुपये में तेज गिरावट को रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया है. 25 फरवरी के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 40.94 अरब डॉलर की गिरावट आई है.

बिजनेस स्टैंडर्स के मुताबिक, भारत अपनी अधिकांश सोने की मांग को आयात के माध्यम से पूरा करता है, जो रुपये पर दबाव डाल रहा था और इस सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था.

एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार सतर्क हो गई है, क्योंकि मई में व्यापार घाटा 24.3 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. चालू खाता घाटा (सीएडी) में बढ़ोतरी को लेकर चिंता के बीच केंद्र आयात, खासकर सोने की बारीकी से जांच कर रहा है. मई में सोने का आयात एक साल पहले की तुलना में लगभग नौ गुना बढ़कर 7.7 अरब डॉलर हो गया.