नई दिल्ली
उत्तर भारत में सर्दियां दस्तक दे चुकी हैं। लोग गर्म कपड़ों, रजाई और कंबल पर आश्रित हो रहे हैं। वहीं दक्षिण भारत में चक्रवात और भारी बारिश ने लोगों को परेशान किया है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने केरल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। विभाग ने खासकर केरल और माहे में बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है, जबकि तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
इस बार कम पड़ेगी सर्दी
वहीं मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 तक सर्दी का मौसम कुछ नरम रहने की उम्मीद है। देश के ज्यादातर हिस्सों में ठंड की तीव्रता कम होगी और न्यूनतम तापमान औसत से ज्यादा रहेगा। जहां आमतौर पर सर्दियों में 5-6 दिन शीतलहर चलती है, इस बार यह संख्या घटकर 2-4 दिनों तक सीमित रह सकती है। दक्षिण प्रायद्वीपीय इलाकों में हालांकि सामान्य या उससे कम तापमान रहने की संभावना है। पिछले नवंबर में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति ने मौजूदा गर्म मौसम को और बढ़ावा दिया। वहीं, दक्षिण भारत में चक्रवात फेंगल के कारण भारी बारिश जारी है।
केरल में रेड अलर्ट, कई इलाकों में भारी बारिश का खतरा
केरल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। चक्रवात ‘फेंगल’ अब कमजोर होकर तमिलनाडु और कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके चलते उत्तर और मध्य केरल में भारी बारिश और गरज के साथ बिजली चमकने की संभावना है। मौसम विभाग ने कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड, और मलप्पुरम जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। पलक्कड़, इडुक्की, और कोट्टायम जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।
बंगलुरु और कर्नाटक में बारिश का सिलसिला जारी
चक्रवात के असर से बंगलुरु समेत दक्षिण कर्नाटक में भी बारिश जारी है। दक्षिण कन्नड़ जिले में 3 दिसंबर को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए थे। पुडुचेरी में भारी बारिश के चलते सभी स्कूल और कॉलेज आज 3 दिसंबर को बंद रहे। वहीं मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी ने घोषणा की कि चक्रवात से प्रभावित राशन कार्ड धारकों को 5 हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
हिमाचल में रिकॉर्ड सूखा, 124 साल का टूटा रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2024 सबसे सूखे महीनों में से एक रहा। राज्य में सामान्य 19.7 मिमी की तुलना में केवल 0.2 मिमी बारिश हुई। आईएमडी के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर में वर्षा की कमी का कारण मौसमी सिस्टम में बदलाव है। इस मौसम का असर देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरह से महसूस हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का संकेत मान रहे हैं।