नई दिल्ली
भारतीय रेलवे के जरिए रोजाना करोड़ों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. यात्रियों के लिए रेलवे हजारों की संख्या में ट्रेन चलाता है. भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. सामान्य तौर पर बात की जाए तो अगर कोई कहीं जाना चाहता है और दूर का सफर तय करना चाहता है. तो ऐसे में ज्यादातर लोगों की पहली पसंद ट्रेन होती है.
बीते कुछ सालों में ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. लेकिन जब पूरी दुनिया की तरह भारत भी कोविड-19 की चपेट में था. तो महामारी के बाद जब चीजें सामान्य हुईं. तो ट्रेन से जाने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बदलाव देखने को मिला. थर्ड एसी में ट्रैवल करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. हैरान कर देंगे रेलवे के जारी किए गए आंकड़े.
कोरोना के बाद बढ़े थर्ड एसी के यात्री
साल 2019 में जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था. तब से ही लोग साफ सफाई को लेकर सजग रहने लगे. इसके बाद लोगों की जिंदगी में कई आदते पूरी तरह से बदल गईं. वहीं कोरोना महामारी के बाद बात की जाए तो भारतीय रेलवे में सफर करने वालों यात्रियों की संख्या में भी काफी बदलाव हुआ. हाल ही में रेलवे की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में यह बात सामने निकल कर आई कि कोरोना महामारी के बाद ट्रेनों में पहले जो यात्री स्लीपर में सफर करते थे. वह यात्री थर्ड एसी में सफर करने लगे हैं. कोविड के बाद थर्ड एसी पैसेंजर्स की संख्या में तगड़ा उछाल देखने को मिला है.
आंकडे कर देंगे हैरान
कोरोना महामारी के बाद से लेकर अब तक के 5 सालों में एसी थर्ड से सफर करने वाले मुसाफिरों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. साल 2019-20 में 11 करोड़ यात्री थर्ड एसी से सफर करते थे. यानी कुल यात्रियों का 1.4% ही. वहीं साल 2024-25 की बात की जाए तो इसमें 19% का इजाफा हुआ है. और यात्रियों की संख्या 26 करोड़ हो गई है.
साल 2019-20 में जहां थर्ड एसी से भारतीय रेलवे ने 12,370 करोड रुपये का राजस्व कमाया था. तो वहीं साल 2024 25 में यह बढ़कर 30,089 करोड़ हो गया है. यह आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं. बता दें कोरोना महामारी से पहले यानी 2019-20 तक रेलवे के राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान स्लीपर क्लास के यात्रियों में हुआ करता था. लेकिन इस बार थर्ड एसी के यात्रियों का राजस्व सबसे ज्यादा है.