भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग के प्रदेश के 1317 सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की यूजी-पीजी की सीएलसी चल रही है। सूबे के करीब 633 कालेजों के कोर्स विद्यार्थियों ने च्वाइस ही जमा नहीं की है। इसमें भोपाल के बहुचर्चित कालेज भी अपने कोर्स में विद्यार्थियों में रुझान नहीं बना सके हैं। इसमें भोपाल सहित प्रदेश के 67 सरकारी कालेकज तक शािमल हैं।  

यूजी और पीजी की सीएलसी शुरू हो गई। पहली ही सीएलसी ने कालेजों की कलाई खोलकर रख दी है। दो लाख विद्यार्थियों को कालेजों ने मेरिट जारी यूजी और पीजी की सीटें आवंटित की है। विद्यार्थी प्रवेश लेने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। सूबे 1317 कालेजों में प्रवेश कराने के लिये पहली सीएलसी चरम पर है।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त कलोजों में विद्यार्थी प्रवेश लेने में ज्यादा रूचि नहंी दिखा रहे हैं। यही कारण है कि सूबे के 633 कालेजों के कई कोर्स में विद्यार्थियों ने अपनी च्वाइस फिलिंग तक नहीं की है। इसमें 67 सरकारी कालेज तक शामिल हैं। वहीं अनुदान प्राप्त 32 और निजी कालेजों की संख्या 534 है। मेरिट जारी होने के चार दिन बाद तक महज बीस हजार विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिये हैं।

 हालांकि अभी विद्यार्थियों को प्रवेश लेने के लिये काफी समय है। इससे प्रवेश के आंकडे और बेहतर हो सकते हैं। विद्यार्थियों ने च्वाइस फिलिंग में कई बेहतर कालेजों को पीछे छोड दिया है। इससे नामचीन कालेजों की प्रतिष्ठा पर सवाल जरुर खडे होना शुरू हो गये हैं। भोपाल के नूतन कालेज और बीएसएसएस कालेज में विद्यार्थियों ने बीएससी इलेक्ट्रानिक्स, फिजिक्स और मैथ्स में एक भी च्वाइस नहीं दी है। इससे उन्हें सीएलसी में एक भी प्रवेश नहीं मिल सकेगा। उन्हें प्रवेश कराने के लिये दूसरी सीएलसी का इंतजार करना होगा।

इसके पहले की काउंसलिंग में बीएसएसएस कालेज में दो और टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट आफ लॉ में चार और आनंद बिहार वूमन कालेज में दो अलाटमेंट होने के बाद एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया था। दूसरी सीएलसी में भी पंजीयन और सत्यापन के आंकडे ज्यादा असरकारक नहीं दिखाई दे रहे हैं। हालांकि विभाग ने तीन सीएलसी का कार्यक्रम तैयार किया है। विभाग 16 जुलाई तक काउंसलिंग पर विराम लगा देगा।