नई दिल्ली

न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैच की टेस्ट सीरीज के साथ इंग्लैंड के नए युग की शुरुआत हुई। इंग्लिश टीम इस सीरीज में नए कप्तान और कोच के अलावा आक्रामक माइंडसेट के साथ उतरी। तीनों ही मुकाबलों में मेजबान टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच जीते और इतिहास रच दिया। दरअसल, न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के सभी मैचों में इंग्लैंड ने 250 से अधिक के लक्ष्य का सफलतापूर्ण पीछा किया और वह वर्ल्ड क्रिकेट में ऐसा करने वाली पहली टीम बन गई है। 145 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड से पहले किसी भी टीम ने एक सीरीज में तीन बार ऐसा कारनामा नहीं किया था।

लॉर्ड्स में चेज किए थे 277 रन
क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 277 रनों का लक्ष्य रखा था। इस स्कोर को मेजबान टीम ने जो रूट के शतक के दम पर 78.5 ओवर में ही हासिल कर लिया। रूट ने इस दौरान 115 रनों की नाबाद पारी खेली थी। इस दौरान उनका साथ कप्तान बेन स्टोक्स ने 54 रन की शानदार पारी खेलकर दिया था। इंग्लैंड ने यह मैच 5 विकेट से जीता था।

नॉर्टिंघम में आया था बेयरस्टो का तूफान
 दूसरे टेस्ट में कीवी टीम ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 299 रनों का लक्ष्य रखा था। आखिरी दिन इस स्कोर का पीछा करना मुश्किल था। क्रिकेट पंडितों ने तो इस मैच के ड्रॉ होने की भविष्यवाणी कर दी थी। मगर तब बेयरस्टो ने 92 गेंदों पर 14 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 136 रनों की तूफानी पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। इस स्कोर को इंग्लिश टीम ने पूरे 50 ओवर में हासिल कर लिया था।

लीड्स में भी रूट-बेयरस्टो ने किया कमाल
आखिरी टेस्ट में केन विलियमसन की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड की टीम ने मेजबानों के सामने जीत के लिए 296 रनों का लक्ष्य रखा था। पहले दो मैचों में इंग्लैंड की बल्लेबाजी देख हर कोई उम्मीद लगाए बैठा था कि इस स्कोर को भी टीम आसानी से हासिल कर लेगी। सभी की उम्मीदों पर खड़ा उतरते हुए इंग्लैंड ने इस लक्ष्य का 54.2 ओवर में हासिल किया। रूट ने इस रेन चेज में 86 तो बेयरस्टो ने 44 गेंदों पर 77 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस दौरान ओली पोप ने भी 82 रनों का योगदान दिया था।