वॉशिंगटन
 सौर मंडल में कई ग्रह हैं, जिनके एक से ज्यादा चंद्रमा होते हैं। शनि के तो 146 ज्ञात चंद्रमा हैं। लेकिन पृथ्वी के पास एक ही चंद्रमा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही एक अस्थायी मिनी मून हमें मिल सकता है। यानी तब पृथ्वी के पास कुछ समय के लिए दो चंद्रमा होंगे। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की ताकत दिखाएगा। लेकिन यह चंद्रमा ऐसा नहीं होगा, जैसा हम आसमान में देखते हैं। बल्कि यह एक एस्टेरॉयड के रूप में बहुत छोटा होगा। मिनी-चंद्रमा बनाने वाले एस्टेरॉयड का नाम 2024 PT5 होगा।

इस एस्टेरॉयड को 7 अगस्त 2024 को खोजा गया है। इसका व्यास लगभग 10 मीटर है। 29 सितंबर से 25 नवंबर कर के लिए इसे पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण पकड़ लेगा। इस दो महीने की अवधि के दौरान एस्टेरॉयड पृथ्वी का चक्कर लगाएगा। लेकिन यह पृथ्वी की एक परिक्रमा नहीं कर पाएगा। 25 नवंबर 2024 के बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा और एक बार फिर सूर्य की परिक्रमा करने लगेगा। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की ओर से इससे जुड़ा पेपर प्रकाशित हुआ है, जिसमें शोधकर्ताओं ने निष्कर्षों का विवरण दिया।

पेपर में क्या कहा गया

पेपर में लिखा है, 'नियर अर्थ ऑब्जेक्ट यानी पृथ्वी के निकट की वस्तुएं घोड़े के नाल जैसे पथ का अनुसरण करती हैं। यह हमारे ग्रह के करीब और कम सापेक्ष वेग से पहुंचती है। तब मिनी-मून जैसी घटनाएं होती है। इस कारण एस्टेरॉयड की भूकेंद्रित ऊर्जा घंटों, दिनों या महीनों के लिए नकारात्मक हो जाती है। लेकिन चक्कर पूरा किए बिना वह अपने रास्ते पर निकल जाती हैं।' एस्टेरॉयड 2024 PT5 पृथ्वी के समान कक्षाओं वाली नियर अर्थ ऑब्जेक्ट का हिस्सा है।

क्या आसमान में देख सकेंगे?

इस एस्टेरॉयड का अपेक्षाकृत कम वेग और पृथ्वी के करीब आना गुरुत्वाकर्षण को अस्थायी रूप से इसका रास्ता बदलने की इजाजत देगा। इससे एक लघु चंद्रमा बन जाएगा। पहले भी पृथ्वी के लघु चंद्रमा रहे हैं। 2024PT नग्न आंखों या ज्यादार छोटे टेलीस्कोप से देखने के लिए बहुत धुंधला होगा। इसके प्रकार की तीव्रता 22 होगी जो उन्नत ऑब्जर्वेटरी में ही दिखेगा। वैज्ञानिके इसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की स्टडी के लिहाज से सुनहरा मौका मान रहे हैं।