रायपुर

छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के नए दिशा-निर्देश पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले खुतबा देने वाले इमामों को अब वक्फ बोर्ड से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा, यदि वे धार्मिक तकरीर के अलावा कोई और विषय उठाते हैं। इस फैसले के खिलाफ आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ओवैसी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के भाजपाई अब उन्हें दीन सिखाएंगे, और वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई कानूनी ताकत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संविधान की धारा 25 का उल्लंघन होता है।

इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने ओवैसी के बयान का कड़ा जवाब दिया है, कहा है कि इस प्रदेश में किसी भी धर्म से ऊपर संविधान है। पंकज झा ने ओवैसी को चुनौती दी कि वे छत्तीसगढ़ के मामलों में हस्तक्षेप न करें। वैसे वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा.सलीम राज पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह निर्णय गैर राजनीतिक है ताकि किसी प्रकार के विवाद का विषय न उठे।