भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि दीक्षांत, विद्यार्थियों के लिए शिक्षा और संस्कारों के साथ राष्ट्र सेवा के संकल्प का प्रसंग है। अपनी बौद्धिक, सांस्कृतिक परम्पराओं और संस्कारों को पोषित और पल्लवित करने की प्रतिबद्धता का अवसर है। राज्यपाल पटेल आई.ई.एस. विश्वविद्यालय भोपाल के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर दीक्षित विद्यार्थियों और विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को उपाधि और पदक प्रदान किए।कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रथम दीक्षांत समारोह, विद्यार्थी और विश्वविद्यालय दोनों के लिए अत्यंत भावनात्मक और अविस्मरणीय पल होता है। नये भविष्य के निर्माण पथ पर आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। उन्होंने दीक्षित विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी विकसित भारत के अमृत प्रसंग की प्रतिनिधि पीढ़ी है। आपकी पीढ़ी सौभाग्यशाली है जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान का ऐतिहासिक अवसर मिला है।
विकसित भारत यंग लीडर्स संवाद में जरूर हिस्सा लें युवा
राज्यपाल पटेल ने कहा कि युवा, कैसा विकसित भारत देखना चाहते है, उसके लिए सरकार को क्या और कैसे करना चाहिए, इन पर अपने विचार सरकार के शीर्ष स्तर तक पहुँचा सकते है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि 12 जनवरी 2025 के ऐतिहासिक प्रसंग के अवसर पर विकसित भारत यंग लीडर्स संवाद का हिस्सा जरूर बने। विकसित भारत से संबंधित रोचक ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता, ब्लॉक और निबंध लेखन की राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग ले। राज्यपाल पटेल ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से भी कहा कि संवाद में शामिल होने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित करें। उन्हें आवश्यक सुविधाएं, सहूलियत और सहयोग प्रदान करे। विश्वविद्यालय स्तर पर विकसित भारत यंग लीडर्स संवाद के प्रारूप अनुसार प्रतियोगिताएं आयोजित करे।
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि भारत की ज्ञान परम्परा वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है। विद्यार्थी भारत की समृद्ध ज्ञान परम्परा से जुड़े, सतत अध्ययन करे, अपने स्तर पर आगे बढ़ाने सहभागिता करे और इस पर हमेशा गर्व करें। उन्होंने विश्वविद्यालय और दीक्षित विद्यार्थियों को प्रथम दीक्षांत समारोह की बधाई भी दी। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्रीमती सुधा मूर्ति ने भी दीक्षित विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने, चुनौतियों से जुझने और आत्म मंथन प्रक्रिया पर ज्ञानवर्धक और प्रेरक उद्बोधन दिया।
राज्यपाल पटेल ने समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उनका कुलाधिपति बी.एस. यादव ने शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। राज्यपाल पटेल ने दीक्षांत समारोह में राज्यसभा सांसद श्रीमती सुधा मूर्ति, समाजसेवी पद्मअशोक भगत और कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव को मानद उपाधि प्रदान की। स्वागत उद्बोधन कुलाधिपति यादव ने दिया। कुलपति जी.के. पाण्डेय ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आभार देवांश यादव ने माना। कार्यक्रम में सुदेश शांड़िल्य जी महाराज, विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय अध्यक्ष और विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।