रांची
 
झारखंड की राजधानी रांची के मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ जीत हासिल कर ली है। कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 23517 वोट से हराया है। कुजुर ने हार स्वीकार करते हुए शिल्पी नेहा को बधाई दी है। मांडर क्षेत्र में 23 जून को हुए उपचुनाव में शिल्पी नेहा तिर्की को 95062 वोट मिले तो गंगोत्री कुजूर 71545 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहीं। देव कुमार धान 22395 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।

त्रिकोणीय मुकाबले ने कांग्रेस की राह आसान कर दी। भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह देव कुमार धान को बताया जा रहा है, जिन्होंने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी पेश कर दी। एआईएमआईएम समर्थित धान तीसरे स्थान पर रहे हैं। उन्हें 22 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। गौरतलब है कि खुद असदुद्दीन ओवैसी भी धान के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। पहले भी अनुमान लगाया गया था कि इस सीट का परिणाम किसके पक्ष में जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यहां एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का जादू कितना चलता है।

बंधु तुर्की को सजा की वजह से चुनाव, भाजपा ने बागी धान को निकाला
आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की को तीन साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी। कांग्रेस ने उनकी बेटी को शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया। वहीं, भाजपा ने देव कुमार धान की नाराजगी मोल लेते हुए गंगोत्री कुजूर पर दांव लगाया। पार्टी नेताओं ने धान को मनाने की भी कोशिश की, लेकिन वह चुनाव लड़ने पर अड़े रहे। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े और तीसरा स्थान पर रहे।