भोपाल / टोक्यो
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 28 जनवरी को जापान की राजधानी टोक्यो में टोयोटा कंपनी के पदाधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान एक तरफ जहां पदाधिकारियों ने उन्हें कंपनी की जानकारी दी, वहीं, सीएम यादव ने भी उन्हें एमपी की खासियत बताई।
उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों को बताया कि अगर वे प्रदेश में निवेश करते हैं तो उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगीं। सरकार उनकी हर तरह की मदद करेगी। कंपनी को प्रदेश में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी। इस चर्चा के बाद मुलाकात के दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को गिफ्ट भी दिए।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने टोयोटा कंपनी के पदाधिकारियों को बताया कि मध्य प्रदेश में इंडस्ट्रियल लैंड बैंक है। यह एक लाख एकड़ से ज्यादा है। निवेश करने वाली कंपनी को सरकार कम दामों में जमीन मुहैया कराती है। प्रदेश ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी राज्य है। बस और ट्रैक्टर बनाने में प्रदेश दूसरा बड़ा राज्य है। कमर्शियल गाड़ियां बनाने में मध्य प्रदेश तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
प्रदेश में 2800 से ज्यादा इंजीनियरिंग मैन्युफैक्चर, 30 से ज्यादा ओईएम और 200 से ज्यादा ऑटो कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चर्स हैं। ग्रुप-बी राज्यों के बीच गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2021 में प्रदेश को पहला स्थान मिला। प्रदेश एनएटीआरएएक्स का गढ़ है। यहां एशिया का सबसे लंबा हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक है। यहां 14 टेस्ट ट्रैक और 5 ऑटो-स्पेसिफिक लैब हैं। मध्य प्रदेश कमर्शियल गाड़ी और कृषि उपकरण बनाने में नंबर-1 बनने की क्षमता रखता है।
इस सेक्टर में निवेश के असीम अवसर
सीएम यादव ने टोयोटा कंपनी के पदाधिकारियों को बताया कि प्रदेश ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी से उभरता प्रदेश है। प्रदेश तक पहुंच आसान है। यहां काम में एक्सपर्ट मैनपावर और विश्वस्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर है। राज्य सरकार की नीतियों के चलते औद्योगिक निवेश में 52 फीसदी की बढ़ोतरी संभावित है। 2022 से 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के बाजार में 49 फीसदी की बढ़ोतरी संभावित है। इस सेक्टर में निवेश करने के लिए मध्य प्रदेश में असीम अवसर हैं। प्रदेश इस सेक्टर का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
एमपी में क्या है खास
मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने पदाधिकारियों को बताया कि राज्य में बिजनेस करना आसान है। यहां सप्लाई चेन बेहतर है। प्रदेश अंतरराष्ट्रीय मैन्यूफैक्चर कंपनियों को गढ़ है। यहां से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक्सपोर्ट करने की सीधी सुविधा है। वॉल्वो-आयशर कंपनियां विश्व स्तरीय इंजिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मुहैया करा रही हैं। राज्य में कम कीमत पर जमीन और काम करने वाले एक्सपर्ट मिल जाते हैं। सरकार की नीतियों के मुताबिक कंपनियों को 40 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है।
ये हैं स्थापित-प्रस्तावित इंडस्ट्रियल एरिया
इंदौर का पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के नजदीक है। यहां सेज की व्यवस्था है। रेल और रोड की बेहतर कनेक्टिविटी है। एक एरिया में फोर्स मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वोल्वो आयशर, ब्रिजिस्टोन जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। भोपाल का मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया ऑटो कॉम्पोनेंट हब है। देवास का इंडस्ट्रियल एरिया भी कॉम्पोनेंट में अग्रणी है। ग्वालियर क्षेत्र में एमएसएमई का बड़ा साम्राज्य है। यह भी ऑटो कॉम्पोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग में अग्रणी होने जा रहा है।
ये हैं एमपी मार्केट के बड़े खिलाड़ी
पीथमपुर में स्थित वॉल्वो आयशर ने 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से आठ प्लांट लगाए हैं। इसका वार्षिक टर्नओवर 8 हजार 650 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। कंपनी कमर्शियल गाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक्सपोर्ट करती है। इसी तरह ब्रिजिस्टोन इंडिया भी 20 हजार टायर रोज बनाती है। इसका टर्नओवर 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। सीएनएच इंडस्ट्रियल कंपनी विश्व स्तर के कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट पूरी दुनिया को सप्लाई करती है। प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2024 में 191 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऑटोमोबाइल और ऑटो कॉम्पोनेंट एक्सपोर्ट किए। ये सारा सामान 200 देशों में भेजा गया।
क्या है मोहन सरकार की पॉलिसी
पूरे देश में मध्य प्रदेश की पॉलिसी ऐसी है जो पूंजी निवेश, रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट पर फोकस करती है। सरकार निवेश और प्लांट-मशीनरी के लिए 40 फीसदी तक मदद करती है। सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार देने पर डेढ़ गुना इंसेंटिव देती है। एमपी में कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में मदद मिलती है। कंपनियों को एक गुना से ज्यादा एक्सपोर्ट बेनिफिट मिलता है। उन्हें पावर टैरिफ में रिबेट, बिजली बिल में मदद मिलती है।
टोयोटा मोटर्स के इन पदाधिकारियों ने की सीएम से चर्चा
सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ चर्चा करने वालों में टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के जनरल मैनेजर (इंडिया-मिडिल ईस्ट) टाकायुकी कानो, डिपार्टमेंट जनरल मैनेजर, एडमिनिस्ट्रेशन-सपोर्ट डिपार्टमेंट (इंडिया-मिडिल ईस्ट) तोशीयुकी नखारा, प्रोजेक्ट जनरल मैनेजर, एडमिनिस्ट्रेशन-सपोर्ट डिपार्टमेंट (इंडिया-मिडिल ईस्ट) मासाहीरो नोगी शामिल थे।