रायपुर
शासन द्वारा खाद्य सामग्री के अनब्रांडेड पर जीएसटी लगने की तैयारी कर रही है। इसी संदर्भ में छत्तीसगढ़ चेम्बर ने चेम्बर भवन में एक बैठक आयोजित हुई। चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 3 हजार से ज्यादा खाद्य सामग्री के उद्योग संचालित होते हैं जिसमें राईस मिल, दाल मिल, पोहा मिल, बेसन एवं फ्लोर मिल शामिल है जिसमें लगभग 3 लाख से ज्यादा श्रमिक काम करते हैं तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 5 लाख से ज्यादा लोगों पर रोजगार का संकट पैदा हो जायेगा।

श्री पारवानी ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का उत्पादन मध्यमवर्गीय परिवार के हिसाब से उत्पादन होता है किन्तु यदि उस उत्पादन पर शासन द्वारा जीएसटी लगा दिया जायेगा तो वह उत्पादन महंगा हो जायेगा जिससे कि मध्यमवर्गीय परिवार पर महंगाई का अतिरिक्त बोझ उत्पन्न हो जायेगा एवं बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां छत्तीसगढ़ के खाद्य उद्योग को विपरीत रूप से प्रभावित करेगी जिससे कि छत्तीसगढ़ के खाद्य उद्योग बंद होने की कगार पर आ जायेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी सांसदों को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया जायेगा जिससे जीएसटी कौंसिल में होने वाली बैठक में मध्यमवर्गीय जनता की तकलीफों से अवगत करवाया जायेगा।