जम्मू
विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दुकानों पर जम्मू में बुलडोजर चलाए जाने से स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया है। यह ऐक्शन उन कश्मीरी पंडितों पर हुआ है, जो तीन दशक पहले घाटी से विस्थापित होकर यहां आए थे और छोटे-मोटे कारोबार कर रहे थे। इन लोगों की दुकानें जमींदोज किए जाने से लोग भड़क गए हैं और अब प्रशासन को भी झुकना पड़ा है। लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है और ऐतराज के बाद वहां रिलीफ कमिश्नर अरविंद करवानी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने हालात का जायजा लिया है और पीड़ितों की मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही नई दुकानें कश्मीरी पंडित परिवारों को दी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि ये दुकानें जम्मू विकास प्राधिकरण की जमीन पर बनी थीं। यहां पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है और जल्दी ही यहां 10 दुकानें बनाई जाएंगी। इन दुकानों को कश्मीरी पंडित परिवारों को दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि दुकानें हटाए जाने पर हो रहा विरोध गलत है क्योंकि कश्मीरी पंडितों से इसे लेकर मंजूरी ली गई थी। रिलीफ कमिश्नर ने कहा कि इन लोगों को तीन महीने का समय दिया गया था। इन लोगों ने दुकानों को खुद नहीं हटाया तो फिर प्राधिकरण की ओर से ऐक्शन लिया गया।

हालांकि इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। भाजपा, पीडीपी, अपनी पार्टी समेत कई कश्मीरी पंडित संगठनों ने भी आलोचना की है। इन संगठनों का कहना है कि जल्दी ही नई दुकानें बनाकर दी जाएं ताकि कश्मीरी पंडित परिवारों की आजीविका प्रभावित न हो सके। उमर अब्दुल्ला सरकार पर हमला बोलते हुए एक कश्मीरी पंडित दुकानदार कुलदीप किसरू ने कहा, 'हमें बेहतर सुविधाएं या आर्थिक मदद देने की बजाय यह सरकार हमारी दुकानों पर बुलडोजर चलाकर आजीविका का सहारा भी छीन रही है।' एक अन्य दुकानदार जव लाल भट्ट ने कहा कि हम तो इन दुकानों के ही भरोसे थे। अब कैसे हम अपने परिवारों का भरण-पोषण कर सकेंगे।

महबूबा मुफ्ती ने भी की उमर अब्दुल्ला से ऐक्शन की मांग
उन्होंने कहा कि हमारी एलजी और सीएम साहब से अपील है कि मामले में दखल दें। एक अन्य दुकानदार जवाहर लाल ने कहा कि यह तो गुंडागर्दी है। हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया और अचानक ही इस तरह दुकानें ढहा दी गईं। वहीं कश्मीरी पंडितों के एक नेता ने कहा कि रिलीफ डिपार्टमेंट दुकानें तैयार करा रहा है। इसलिए ऐक्शन करने में कुछ देरी करनी चाहिए थी ताकि नई दुकानों में शिफ्ट होने का वक्त मिल सके। अब सवाल है कि नई दुकानें मिलने तक ये लोग कैसे अपना बिजनेस कर सकेंगे। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी इस मामले में ट्वीट किया है और उमर अब्दुल्ला से ऐक्शन की अपील की है।