केंद्र में एक बार फिर से मोदी सरकार सत्ता संभालने जा रही है। नरेंद्र मोदी रविवार शाम तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। लगातार दो बार अपने दम पर सत्ता में रहने वाली बीजेपी इस बार गठबंधन के सहारे सत्ता में रहेगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं हैं, जो कि पूर्ण बहुमत 272 के आकड़े से कम है इसलिए बीजेपी को गठबंधन के भरोसे रहना होगा। बीजेपी को सहयोगी भी ऐसे मिले हैं, जिन का कोई भरोसा नहीं कि वे कब बीजेपी को अकेला छोड दे। ऐसे में देखते हैं कि ग्रह-नक्षत्र बीजेपी का साथ देते हैं या फिर वे भी उसे अधर में लटका देंगे।

BJP की स्थापना कुंडली

बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 में दोपहर 11:45 बजे दिल्ली में हुई थी। मिथुन लग्न कि इस कुंडली में दशम भाव में दिग्बली सूर्य बैठे हैं, जिस वजह से यह पार्टी सत्ता के शिखर पर सवार हैं। लग्नेश बुध भाग्य धर्म के नवें भाव में मित्र राशि में बैठे हैं। इस वजह से बीजेपी की धार्मिक पहचान बनी है और इसे भाग्य का भी भरपूर साथ मिला है।

BJP का आने वाला समय

अभी बीजेपी चंद्र में बुध कि अंतर्दशा में चल रही है। चंद्रमा द्वितीयेश होकर अपनी नीच राशि में छठे भाव में बैठे हैं और बुध लग्नेश होकर नवम भाव में बैठे हैं। चंद्रमा पर राशि मंगल की दृष्टि है जो राजयोग का निर्माण कर रही है। छठा भाव संघर्ष का होता हैं, जो मजबूत है। षष्ठेश मंगल दशमेश गुरु के साथ हैं इसलिए इस पार्टी को संघर्ष से सफलता मिली है। बुध पर चूंकि बहुत से बुरे ग्रहों का प्रभाव है इसलिए इस बार कि सफलता में कुछ कमी रह गई है।

बुध के बाद केतु की अंतर्दशा आएगी, जो जुलाई 2025 से फरवरी 2026 तक रहने वाली है। यह समय बीजेपी के लिए काफी उठा पटक वाला रहेगा। इस अवधि में पार्टी में काफी आंतरिक कलह क्लेश हो सकता है, जो किसी धार्मिक मुद्दे को लेकर होने की संभावना है। अप्रैल 2026 से दिसंबर 2026 की अवधि में इस पार्टी के साथ कुछ और पार्टियां जुड़ जाएंगी। विदेश नीति को लेकर कुछ लोकप्रिय निर्णय भी इस अवधि में लिए जा सकते हैं। इस समय में विदेश में भी इस कि अच्छी-खासी ख्याती बनेगी।

बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल समय 2026 के अक्टूबर से सितंबर 2027 तक का समय रहेगा। इस अवधि में सत्तारूढ़ पार्टी के रूप में इसका प्रदर्शन काफी कमजोर होने की आशंका बन रही है। अगर इस समय में बीजेपी सरकार बच गई तो फिर वो अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी।