भोपाल

एग्जिट पोल में भले ही बीजेपी को मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर जीत दर्ज करते दिखाया गया हो, लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्रियों और विधायकों में चिंता हैं. दरअसल 4 जून को काउंटिंग के बाद बीजेपी पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाने जा रही है. इस बैठक में विभिन्न लोकसभा सीटों पर पार्टी के परफॉर्मेंस पर चर्चा की जाएगी. बैठक में मंत्रियों, विधायकों और चुनाव प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस की भी समीक्षा होगी. यदि चुनाव नतीजे अनुकूल नहीं आए तो इन पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.

विधानसभा चुनाव के नतीजों से होगी तुलना
समीक्षा बैठक में मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के परिणामों की तुलना पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों से की जाएगी. देखा जाएगा कि 2023 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट कैसा आया. खासतौर से पिछले चुनावों में पार्टी को जिन बूथों पर हार का सामना करना पड़ा था, उन पर कितना सुधार इस चुनाव में हुआ है. इन बूथों पर कितने फीसदी वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है. यदि पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर रिजल्ट नहीं आया, तो क्षेत्र के विधायक, मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

एक-एक बूथ की होगी समीक्षा
बीजेपी ने चुनाव नतीजों के पहले ही बूथ स्तर पर जानकारी पार्टी मुख्यालय बुला ली है. हालांकि बीजेपी ने दावा किया है कि पार्टी 80 फीसदी बूथों पर जीतने जा रही है. हालांकि 4 जून के नतीजों के बाद समीक्षा की जाएगी कि चुनाव प्रबंधन समिति ने जो टास्क दिए थे, उसे कितना पूरा किया गया. साथ ही लोकसभा प्रभारी और संयोजन को जो टास्क दिया गया था, वे उसमें कितना पूरा कर सके. पार्टी हर बूथ की समीक्षा करेगी.

अमित शाह ने दी थी चेतावनी
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद भोपाल में पदाधिकारियों की बैठक तय कर कम वोटिंग परसेंटेज को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी थी कि जिन मंत्रियों के क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम हुआ. उनकी कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी. उधर चुनाव में विधायकों द्वारा सक्रियता न दिखाए जाने को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई गई थी.