भोपाल
राज्य शासन ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों, राज्य शासन के विभागों, गौशालाओं, सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड सहकारी समितियों, विद्युत उत्पादन, वितरण और नेटवर्किंग के साथ निजी पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए नजूल भूमि आवंटन करने के नियम जारी किए गए हैं। नजूल भूमि निर्वर्तन नियम 2020 में किए गए संशोधन के जरिये हस्तांतरण, स्थायी पट्टे के जरिये जमीन दी जाएगी। इसके लिए शून्य से लेकर सौ फीसदी तक प्रीमियम और भूभाटक वसूलने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को भूमिस्वामी हक में जमीन दी जा सकेगी। इसके लिए कलेक्टर शहरों में जमीन पृथक रख सकेंगे। जमीन का आवंटन तीन अलग-अलग समितियों के जरिये किया जा सकेगा।

कलेक्टरों को यह अधिकार रहेगा कि भू राजस्व संहिता की धारा 233 क तथा राज्य शासन द्वारा इस निमित्त जारी निर्देशों के अनुसार नगरीय क्षेत्र में लोक प्रयोजन के लिए आवश्यक भूमि पृथक रख सकेंगे। उस लोक प्रयोजन को बदल सकेंगे जिसके लिए भूमि सुरक्षित की गई है या उसके पृथक रखने की कार्यवाही समाप्त कर सकेंगे लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि संबंधित भूमि विकास योजना से असंगत किसी कार्य के लिए नहीं रखी जा सकेगी। इसके साथ ही लैंड बैंक का प्रावधान भी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सभी नजूल भूमि का डिटेल आयुक्त भू अभिलेख की वेबसाइट पर रहेगी। इसमें भूमि की नोईयत और विकास योजना में तय भूमि उपयोग का उल्लेख रहेगा। यह जानकारी लैंड बैंक के रूप में संधारित मानी जाएगी। इसे समय समय पर अपडेट किया जा सकेगा। आवंटन की स्वीकृत या अस्वीकृति के आदेश जारी करने का अधिकार जिलों में कलेक्टर, संभाग में आयुक्त और राज्य स्तर के मामले में राज्य शासन को होगा।

ऐसे हो सकेगी निर्वर्तन की प्रक्रिया
शासन द्वारा नजूल भूमि निर्वर्तन की जो प्रक्रिया तय की गई है, उसके अनुसार ऐसी भूमि राज्य शासन के किसी विभाग को हस्तांतरण द्वारा, स्थायी पट्टे के द्वारा, स्थानीयक निकाय को भूमि स्वामी अधिकार देकर, नीलामी द्वारा भूमि स्वामी अधिकार देकर, लाइसेंस पर देकर और कृषि प्रयोजन के लिए निर्वर्तन के जरिये दी जा सकेगी।

ये तीन स्तर की समितियां होंगी पावरफुल
नियमों में कहा गया है कि नजूल भूमि निर्वर्तन के लिए जिला,संभाग और राज्य स्तर पर समितियां होंगी। इसके साथ ही भोपाल विकास योजना के लिए नजूल निर्वर्तन समिति का भी प्रावधान किया गया है। जिला स्तर पर बनने वाली समितियों में अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। इसके अलावा उपसंचालक या सहायक संचालक नगर व ग्राम निवेश, जिला पंजीयक मुद्रांक व पंजीयन, नगर निगम आयुक्त, नगरपालिका अधिकारी, सीईओ जिला पंचायत (ग्रामीण क्षेत्र की भूमि के ममले में), उपखंड अधिकारी, नजूल शाखा प्रभारी के रूप में संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर सदस्य के रूप में काम करेंगे। संभागस्तरीय समिति में आयुक्त अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा अपर आयुक्त, टीएनसीपी के संभाग स्तरीय अधिकारी, संभागीय मुख्यालय में पदस्थ जिला पंजीयक व उपायुक्त राजस्व सदस्य के रूप में काम करेंगे। इसके साथ ही अध्यक्ष की अनुमति से सभी समितियों में आमंत्रित तय किए जा सकेंगे। राज्य स्तरीय समिति में राजस्व मंत्री, सचिव वित्त, सचिव नगरीय प्रशासन व विकास, मामले से संबंधित विभाग का सचिव, आयुक्त नगर व ग्राम निवेश, आयुक्त भू अभिलेख, प्रमुख राजस्व आयुक्त और अपर या उप सचिव राजस्व विभाग सदस्य के रूप में शामिल होंगे। भोपाल विकास योजना क्षेत्र के लिए मुख्य सचिव अध्यक्ष, सचिव वित्त, नगरीय विकास और आवास व अन्य आमंत्रित सदस्य होंगे। राजस्व विभाग के सचिव सदस्य सचिव होंगे।