बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार को भाजपा की तरफ से दायर मानहानि के मामले में अदालत ने जमानत दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा ने कांग्रेस नेताओं पर तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठे विज्ञापन देने का आरोप लगाया था। बता दें कि सिद्धारमैया और शिवकुमार आज व्यक्तिगत रूप से 42वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए। उनकी दलील सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। बीजेपी एमएलसी और महासचिव केशव प्रसाद ने सिद्धारमैया,शिवकुमार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखबार में 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' से विज्ञापन प्रकाशित करवाया था।

कांग्रेस को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस
बता दें कि चुनाव आयोग ने विज्ञापन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। ये विज्ञापन अखबार में प्रकाशित किए गए थे। इसके बाद कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। चुनाव आयोग ने कांग्रेस से 7 मई तक इस नोटिस का जवाब भी मांगा था। बता दें लोकसभा चुनाव के शुरू होते ही अचार संहिता लागू हो गई थी। आचार संहिता के प्रावधान 2 के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान विरोधी पार्टी की वर्तमान और पूर्व नीतियों और मुद्दों पर बात की जा सकती है, लेकिन उन मु्द्दों पर कोई बातचीत नहीं होगी, जिससे जनता का कोई लेना-देना न हो। अगर ऐसा होता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन मान लिया जाता है।