अमेठी

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर स्मृति ईरानी और किशोरी लाल शर्मा के बीच चुनावी मुकाबला होता दिख रहा है। इस सीट का चुनाव परिणाम मंगलवार को आने वाला है। हालांकि, हलचल चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद से ही तेज है। अमेठी में पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोट डाले गए थे। अमेठी सीट पर इस बार 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच होती दिख रही है। भाजपा के दावों पर गौर करें तो पाएंगे कि अमेठी लोकसभा सीट पर पिछले पांच दशकों में कोई भी गैर कांग्रेसी उम्मीदवार लगातार दो बार जीत दर्ज नहीं कर पाया है। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में चुनावी मुकाबले में अगर स्मृति ईरानी इस बार भी चुनाव जीतती हैं तो वह लगातार दो जीत का अनोखा रेकॉर्ड बना देंगी।

13 उम्मीदवार ठोंक रहे ताल

लोकसभा चुनाव के मैदान में 13 उम्मीदवार ताल ठोंकते दिख रहे हैं। इस बार भाजपा की निवर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला कांग्रेस के केएल शर्मा से हो रही है। सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र में पहचान बनाने वाले केएल शर्मा ने अमेठी ने पकड़ बनाने की खूब कोशिश की। वहीं, बसपा के स्थानीय नेता नन्हें सिंह चौहान अलग ही राजनीतिक जमीन तैयार करते दिखे हैं। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की भरसक कोशिश की। बसपा उम्मीदवार को कितनी सफलता मिली है, यह तो परिणाम बताएगा। लेकिन, दावा यह किया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार के बीच ही मुख्य लड़ाई है।

 

अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उम्मीदवार

म्मीदवार का नामपार्टी का नाम
स्मृति ईरानीभाजपा
किशोरी लाल शर्माकांग्रेस
नन्हें सिंह चौहानबसपा
दिनेश चंद्र मौर्याजनशक्ति समता पार्टी
भगवानदीन पासीमौलिक अधिकार पार्टी
शैलेंद्र कुमार मिश्रासंयोगवादी पार्टी
संतरामसमझदार पार्टी
मो. हसन लहरीराष्ट्रीय नारायणवादी विकास पार्टी
उदयराजनिर्दलीय
खुशीरामनिर्दलीय
चंद्रावतीनिर्दलीय
जगदंबा प्रसाद यादवनिर्दलीय
सुरेंद्र कुमारनिर्दलीय

महज तीन बार ही दूसरे दल के उम्मीदवारों को सफलता

अमेठी लोकसभा सीट पर महज तीन चुनावों में ही दूसरे दलों को सफलता मिल पाई है। 1967 से यहां पर कांग्रेस का दबदबा दिखा है। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की लहर का असर इस सीट पर भी दिखा। जनता पार्टी के रवी्ंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। पहली बार 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर खाता खोला। संजय सिंह ने इस सीट पर सफलता हासिल की। 21 साल बाद 2019 में स्मृति ईरानी ने दोबारा इस सीट को जीतने में कामयाबी हासिल की।

 

अमेठी लोकसभा सीट से विजयी उम्मीदवारों की सूची

चुनाव वर्षउम्मीदवार का नामदल का नाम
1967विद्याधर बाजपेईकांग्रेस
1971विद्याधर बाजपेईकांग्रेस
1977रवींद्र प्रताप सिंहजनता पार्टी
1980संजय गांधीकांग्रेस
1981(उप चुनाव)राजीव गांधीकांग्रेस
1984राजीव गांधीकांग्रेस
1989राजीव गांधीकांग्रेस
1991राजीव गांधीकांग्रेस
1991(उप चुनाव)सतीश शर्माकांग्रेस
1996सतीश शर्माकांग्रेस
1998संजय सिंहभाजपा
1999सोनिया गांधीकांग्रेस
2004राहुल गांधीकांग्रेस
2009राहुल गांधीकांग्रेस
2014राहुल गांधीकांग्रेस
2019स्मृति ईरानीभाजपा

 

स्मृति के सामने चुनौती बड़ी

स्मृति ईरानी ने लोकसभा चुनाव 2019 में 55,120 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी को 4,68,514 वोट मिले थे। वहीं, राहुल गांधी 4,13,394 वोट हासिल कर पाए थे। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी ने 1,07,903 वोटों से जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी को इस चुनाव में 4,08,651 तो भाजपा की स्मृति ईरानी को 3,00,748 वोट मिले थे। बसपा के धर्मेंद्र प्रताप सिंह 57,716 और आम आदमी पार्टी के डॉ. कुमार विश्वास 25,527 वोट हासिल कर पाए थे।

पिछले दो चुनावों के परिणाम से साफ है कि यहां मुकाबला दो तरफा होता रहा है। तीसरी पार्टी के मैदान में आने का भी कोई असर नहीं होता। ऐसे में केएल शर्मा क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति के जरिए स्मृति ईरानी की राह में रोड़ा बनने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, रिजल्ट अगर भाजपा के पक्ष में आया तो इतिहास बनना तय है।

विधानसभा चुनाव में दिखा था मोदी-योगी इफेक्ट

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अमेठी लोकसभा सीट की पांचों सीटों तिलोई , सलोन , जगदीशपुर , गौरीगंज और अमेठी पर मोदी-योगी इफेक्ट दिखा। इन सीटों पर कांग्रेस को पूरी तरह से मैदान से बाहर कर दिया गया। तीन सीटें भाजपा और दो सीट सपा के पास आई। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर तिलोई से मयंकेश्वर शरण सिंह, सैलून से अशोक कुमार और जगदीशपुर से सुरेश कुमार ने जीत दर्ज की थी। वहीं, समाजवादी पार्टी के टिकट पर गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह और अमेठी से महाराजी प्रजापति को जीत मिली थी। गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह और अमेठी से महाराजी प्रजापति राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में दिखे थे।