भोपाल
प्रदेश में महापौर और पार्षद पद के लिए नामांकन भरे जाने के बाद भाजपा के समक्ष अब यह स्थिति साफ हो गई है कि पार्टी से किस नगरीय निकाय से कितने सशक्त नेताओं ने कैंडिडेट के विरुद्ध नामांकन भरा है। ऐसे नेताओं, कार्यकर्ताओं को पार्टी हित में नामांकन वापस लेने और पार्टी के लिए काम करने की समझाईश देने के लिए मंत्रियों, संगठन पदाधिकारियोंव वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

केंद्रीय मंत्रियों को भी नामांकन वापसी के पहले गृह जिलों के साथ प्रभाव वाले जिलों में पहुंचकर बैठकें लेने और समझाईश देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी से नाराज होकर इस्तीफा देने वालों की भी मनुहार जारी है।  प्रत्याशियों की अनदेखी कर परचा दाखिल करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए जिलों में प्रभारी मंत्रियों को भेजा गया है जिनके द्वारा घोषित प्रत्याशियों के साथ जाकर परचा दाखिल कराने के साथ विरोध करने वालों को समझाईश देने का भी काम किया गया। मंत्री हरदीप सिंह डंग, बृजेन्द्र प्रताप सिंह समेत अन्य ने प्रभार के जिलों में जाकर बैठकें ली हैं। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय समेत अन्य नेताओं ने डैमेज कंट्रोल के लिए मोर्चा संभाल लिया है और विरोधियों के साथ मनुहार और समझाईश में जुटे हैं।

इधर, विवाद: मंत्री के निजी सचिव को बना दिया पीठासीन अधिकारी
इधर चुनाव में खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के निजी सचिव अजय सक्सेना को भोपाल के अफसरों ने चुनाव ड्यूटी में तैनात कर दिया है। सक्सेना को माडल स्कूल में होने वाले मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। इसका विरोध हो रहा है क्योंकि मंत्री के स्टाफ में काम करने वाले पीठासीन अधिकारी चुनाव प्रभावित कर सकते हैं।

शिवराज पहुंचे जबलपुर, वीडी शर्मा ने कटनी में की बैठक
जो लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनका साथ देने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को भी समझाने का दौर जारी है ताकि वोटिंग के समय नुकसान की स्थिति को टाला जा सके। अगले तीन दिनों तक संगठन पदाधिकारी, मंत्री, विधायकों, सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों को इसके लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पिछले दो दिनों में ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, कटनी में इन मुद्दों को लेकर वरिष्ठ नेताओं के साथ संवाद किया है। सीएम आज जबलपुर प्रवास के दौरान वहां विधायकों, मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कटनी में बैठक लेने के बाद आज पन्ना जिलों में कार्यकर्ताओं को समझाईश देने के लिए अलग-अलग बैठकें की हैं। वे पन्ना में आज रुककर नामांकन भर चुके लोगों को प्रत्याशी का साथ देने और चुनाव में एकजुट रहने के लिए समझाईश देंगे।

कांग्रेस घर जाकर मनाएगी, सरकार बनी तो मिलेगा बड़ा पद
कांग्रेस में नामांकन के बाद बगावत और ज्यादा दिखाई देने लगी है। रतलाम के साथ ही छिंदवाड़ा में महापौर के लिए बगावत सामने आई है। वहीं खंडवा में भी 30 प्रतिशत वार्डो में नेता बागी होकर पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए नामांकन जमा कर चुके हैं। कांग्रेस में बगावत के तेवर देखकर दिग्गज नेता भी हैरान हो गए हैं।

इन सब के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज अपने बंगले पर जिला प्रभारियों और पर्यवेक्षकों की अहम बैठक बुलाई है। इसमें हर नगर निगम के महापौर और वार्डो में भरे गए नामांकन की सूची भी सभी को लेकर आने के कहा गया था। उन्होंने कहा है कि जिन्होंने नाराज होकर नामांकन भरा है,उन्हें हर हालत में मनाया जाए। बताया जाता है कि कांग्रेस ने तय किया है कि नाराज लोगों को यह भरोसा दिलाया जाए कि पार्टी उन्हें भविष्य में महत्व भी देगी और जिम्मेदारी भी देगी। प्रदेश में हमारी सरकार आई तो इन्हें महत्वपूर्ण पद भी दिए जा सकते हैं। जिला प्रभारियों से ये नहीं माने तो विधायकों और क्षेत्र के कद्दावर नेताओं की मदद ली जाए, लेकिन हर हाल में डैमेज कंट्रोल किया जाए।  नाथ ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी है, हमारे लोगों की नाराजगी दूर हो जाएगी तो हम बहुत बेहतर कर सकते हैं। इसलिए इन्हें संभालना सबसे अहम है। इसके अलावा इस बैठक में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में किसी तरह से प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि एक-एक घर तक कांग्रेस की बात पहुंच सके।   

उज्जैन में टिकट मिलने के बाद भी नहीं भरा नामांकन
वहीं उज्जैन में कांग्रेस के एक पार्षद उम्मीदवार ने नामांकन ही नहीं भरा। बताया जाता है कि वार्ड 20 से कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए महेश शर्मा का नामांकन जमा नहीं हो सका। कांग्रेस ने बताया कि उनके दस्तावेज तैयार नहीं थे, इसलिए यह समस्या आई है।

नाथ का संदेश
नाराज नेताओं को मनाने के लिए कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर जारी एक संदेश में कहा है कि दावेदार कई होते हैं, लेकिन टिकट एक को मिलता है। जिन्हें टिकट नहीं मिला है वे निराश न हो, मैं आपके साथ हूं। आपकी आवाज बनकर आपके लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा। चुनाव में उम्मीदवार एक ही साथी होता है, लेकिन चुनाव प्रत्येक कार्यकर्ता लड़ता है। यह समय कांग्रेस को मजबूत करने का है। यह समय जनता के बीच अपनी बात रखने का है। मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।