भोपाल

मध्यप्रदेश में अब डिटेक्टिव सेवा हो या सेलून, पेट्रोल पंप हो या पेस्टीसाईड निर्माण इकाई, होटल रेस्टोरेंट हो या अल्कोहलयुक्त पेय बनाने वाली इकाई इस तरह के 67 कामों से जुड़े  अकुशल से लेकर उच्च कुशल श्रमिकों के लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम वेतन तय कर दिया है। उच्च कुशल श्रमिक को अब हर माह 13 हजार 919 रुपए और अकुशल श्रमिक को 9 हजार 575 रुपए मासिक पारिश्रमिक देना होगा। स्लेट पेंसिल निर्माण इकाई के कटर्स को 14 हजार 444 रुपए मासिक वेतन देना होगा।

श्रम विभाग ने उच्च कुशल श्रमिकों के लए जहां 13 हजार 919 रुपए मासिक पारिश्रमिक तय किया है तो वहीं लिपिकीय श्रेणी के कर्मचारियों के लिए 12 हजार 296 और लिपिक वर्ग दो के लिए 10 हजार 571 रुपए मासिक वेतन तय किया है। कुशल श्रमिक के लिए 12 हजार 294 रुपए मेहनताना होगा, अर्धकुशल श्रमिकों को 10 हजार 571 रुपए वहीं अकुशल श्रेणी के श्रमिकों को न्यूनतम 9 हजार 575 रुपए मासिक देना होगा। वहीं कपड़ा बुनने वाले को 96 रुपए प्रतिदिन की दर से भुगतान करना होगा।  श्रम विभाग ने न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत 67 प्रकार के कामों के लिए न्यूनतम वेतन की दरों को पुनरीक्षित करते हुए बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मध्यप्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड से परामर्श करने के बाद यह वृद्धि की गई है।

ये उद्योग शामिल
जिन कामों से जुड़े श्रमिकों को अब न्यूनतम वेतन देना होगा उनमें कपास जिनिंग एवं प्रेसिंग कारखाने, वन उपज नियोजन, मार्ग निर्माण और अनुरक्षण तथा भवन निर्माण में लगे श्रमिक, लोक मोटर परिवहन, इंजीनियरिंग उद्योग, सिचाई कार्य के निर्माण और संधारण, कैमिकल्स तथा फार्मास्युटिकल्स, आरा मिल, तेल मिल, चावल मिल, आटा और दाल मिल, मुर्रा पोहा निर्माण, आइसक्रीम, बिस्किट और अन्य खाद्य पदार्थ निर्माण, पत्थर तोड़ने, पीसने के काम में लगे श्रमिक, आवासीय होटल रेस्टोरेंट, नाट्यगृह, वाणिज्यिक संस्थान, मुद्रणालय, सीमेंट से बनने वाले उत्पाद, प्लास्टिक उद्योग, फ्यूएल कोक निर्माण, चूना भट्टा, ईट भट्टा, पावरलूम कारखाने,स्थानीय प्राधिकरण, कोसा उद्योग, खांडसारी उद्योग, पाटरिज,सेनेटरी आयटम निर्माण, कंबल निर्माण स्लेट पेंसिल निर्माण, कत्था, रामरज, गेरु, हाथकरघा, बोन मिल, टाईल्स उद्योग, विनिर्माणी इकाई, सूचना प्रौद्योगिकी और पुरातात्विक कार्य में काम करने वाले सहित अन्य शामिल है।