लखनऊ
यूपी लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने 37 सीटें हासिल की। इस शानदार जीत के बाद सपा खेमे खुशी का माहौल है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। इससे पहले अखिलेश मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं। अब उन्हें सिर्फ एक सीट का चयन करना होगा। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव करहल छोड़ सकते हैं। हालांकि इस बारे में अखिलेश ने कुछ कहा नहीं है कि वे क्या करेंगे। इसके बावजूद चर्चा है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव में सपा शानदार प्रदर्शन करते हुए देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है। संसद में सपा सांसदों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में चर्चा है कि अखिलेश यादव दिल्ली की राजनीति करें। वह संसद में पार्टी सांसदों का प्रतिनिधित्व करें और करहल से इस्तीफा दे दें। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अखिलेश यादव ऐसा कर सकते हैं पर उनका फोकस यूपी पर कम नहीं होगा। एक रणनीति के तहत वह संसद जा सकते हैं लेकिन विधानसभा चुनाव 2027 पर उनका पूरा फोकस होगा। वह 2027 में फिर विधानसभा चुनाव लड़ कर मुख्यमंत्री की दावेदारी करेंगे।

कौन हो सकता है नेता विपक्ष विकल्प
अगर अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा से त्यागपत्र दिया तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उन्हें नया नेता चुनना होगा। इसमें उनके सामने शिवपाल यादव (यादव), इकबाल महमूद (मुस्लिम), इंद्रजीत सरोज (दलित) जैसे वरिष्ठ व अनुभवी नेताओं के नाम हैं। पर इसमें कौन कितना कारगर होगा? यह अभी तय होना है। सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि वैसे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष इस पर खुद निर्णय करेंगे।

2019 में आजमगढ़ से दिया था इस्तीफा
2019 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव जीता था। हालांकि उस समय संसद में सपा की संख्या कम थी। उन्होंने इस्तीफा दे दिया था । 2022 में मैनपुरी की करहल से विधानसभा चुनाव कर जीत दर्ज की। इसके बाद नेता विपक्ष चुने गए। अब एक फिर कन्नौज से सांसद चुने गए हैं। अब देखना होगा कि क्या निर्णय लेते हैं।